राज्य
19-May-2025
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लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों और दलालों पर की कार्रवाई की मांग -अधिकारी तबादलों की एक सुनियोजित दुकान चला रहे हैं-रवि परमार भोपाल(ईएमएस)। मध्यप्रदेश में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में चल रही तबादला प्रक्रिया एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने इस मुद्दे को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन को शिकायत पत्र मेल किया है, जिसमें ई-एचआर एमआईएस पोर्टल की अवहेलना और विभाग में फैले कथित भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार की और से दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है, कि लोक स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों और एनएचएम के कर्मचारियों द्वारा एक संगठित ‘तबादला सिंडिकेट’ संचालित किया जा रहा है। यह प्रक्रिया न केवल पारदर्शिता के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है, बल्कि ग्रामीण हेल्थ सर्विसेज को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। परमार का कहना है कि भारी संख्या में मेडिकल ऑफिसर, स्टाफ नर्स और अन्य हेल्थ वर्कर्स को छोटे कस्बों और गांवों से हटाकर शहरों में बड़े अस्पतालों में पदस्थ किया है, जिससे प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की भारी कमी हो गई है। इसका खामियाजा सीधे तौर पर गांवों में रहने वाले जरूरतमंद लोगों को उठाना पड़ रहा है, जिन्हें इलाज के लिए दूर-दराज भटकना पड़ता है। शिकायत पत्र में यह भी कहा गया है कि तबादला प्रक्रिया में राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ गया है। रवि परमार ने आरोप लगाया कि उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल के निवास से जुड़े कुछ लोग तबादलों को प्रभावित कर रहे हैं। साथ ही विभाग के भीतर सक्रिय दलालों के एक गिरोह की भी बात सामने आई है। एनएसयूआई ने यह भी सवाल उठाया है कि जिस डिजिटल और पारदर्शी प्रणाली ई-एचआर एमआईएस को सरकार ने तबादलों में पारदर्शिता के लिए शुरू किया था। उसका खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। यह प्रशासनिक व्यवस्था में भरोसे की कमी और नीतिगत असफलता की ओर इशारा करता है। रवि परमार ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो एनएसयूआई चरणबद्ध आंदोलन और उग्र प्रदर्शन शुरू करेगी। जुनेद / 19 मई