लंदन,(ईएमएस)। इजराइल ने गाजा के लिए जाने वाली मदद को आंशिक रूप से मंजूरी दे दी है। गाजा को जाने वाले रास्तों को खोल दिया है। इस बीच यूरोपीय देशों समेत कुल 22 मुल्कों ने इजराइल के खिलाफ एकजुट होकर बयान जारी किया है और मांग की है कि गाजा को मिलने वाली मदद में किसी तरह की बाधा नहीं आनी चाहिए। दिलचस्प बात है कि इन देशों में एक भी इस्लामिक मुल्क नहीं है, जो आक्रामक होकर फिलिस्तीन का साथ देते रहे हैं और इजराइल के विरोधी हैं। जर्मनी, फ्रांस जैसे यूरोपीय देश हैं तो वहीं जापान भी इसका हिस्सा है। ब्रिटेन और न्यूजीलैंड ने भी इजराइल से सख्त लहजे में कहा है कि गाजा के लिए जाने वाली मदद में किसी भी तरह की रुकावट न डाली जाए। इजराइल के खिलाफ जिन देशों ने साझा बयान जारी किया है, उनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, आइसलैंड, आयरलैंड, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, लग्जमबर्ग, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन और ब्रिटेन हैं। इन देशों का कहना है कि मदद रोकने से गाजा पट्टी में भीषण हालात हैं और लोग भुखमरी के शिकार हो रहे हैं। कई लोगों को गंभीर बीमारियों की दवाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। इन देशों का कहना है कि हमें जानकारी है कि सीमित मात्रा में मदद पहुंचाने पर इजराइल राजी हुआ है, लेकिन हमारी मांग है कि मदद पहुंचने में किसी भी तरह की बाधा न रहे। दिलचस्प बात यह है कि फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा ने तो इजराइल को धमकी तक दी है कि यदि गाजा में मदद जाने से को रोका गया तो फिर वे इजराइल पर पाबंदिया लगाएंगे। इसके अलावा गाजा पर सैन्य कार्रवाई भी रोकने की मांग की है। वहीं बेंजामिन नेतन्याहू ने इन तीनों देशों से कहा है कि आपका प्रस्ताव यदि मान लिया जाए तो उससे हमास मजबूत होगा और भविष्य में वह फिर से इजराइल पर हमले करेगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इजराइल पर गाजा के लिए मदद को न रोकने का दबाव है। सिराज/ईएमएस 20मई25