अहमदाबाद (ईएमएस)| मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के मार्गदर्शन में ग्रीष्मकाल में राज्य के प्रत्येक परिवार और प्रत्येक नागरिक को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो, इसके लिए गहन योजना बनाई गई है। जल आपूर्ति-जल संसाधन मंत्री कुंवरजी बावलिया और राज्य मंत्री मुकेश पटेल के मार्गदर्शन में ‘राज्यव्यापी जलापूर्ति ग्रिड’ के अंतर्गत कुल 3,250 किलोमीटर बल्क पाइपलाइनों एवं 1.20 लाख किलोमीटर से अधिक जल वितरण पाइपलाइनों के माध्यम से राज्य के 15,720 से अधिक गांवों एवं 251 शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन 320 करोड़ लीटर पानी वितरित किया जा रहा है। गुजरात के कुल 18,152 गांवों में से 15,720 गांवों को 372 समूह जलापूर्ति योजनाओं, सतही स्रोत आधारित थोक पाइपलाइनों के साथ-साथ नवीन-सुधार समूह जलापूर्ति योजनाओं के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है। जबकि शेष 2,432 गांवों को स्थानीय स्रोतों पर आधारित व्यक्तिगत जलापूर्ति योजनाओं के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है। शेष सभी गांवों को भी समूह योजना के तहत कवर कर लिया गया है, जिसका कार्य अभी प्रगति पर है। समूह योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के कुल 74 बांधों से पेयजल की मात्रा आरक्षित की गई है, जहां से आवश्यकतानुसार जल उद्वहन कर उसे शोधित कर लाभार्थी ग्रामों तक पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा, कभी-कभी समूह योजनाओं में शामिल गांवों में लीकेज व पम्पिंग मशीनरी आदि समस्याओं के कारण पानी की कमी न हो, यह सुनिश्चित करने तथा ग्रीष्म ऋतु में पशुओं की पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए अपरिहार्य परिस्थितियों में आवश्यकतानुसार टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जाती है। राज्य में संभावित पेयजल समस्या वाले गांवों का सर्वेक्षण कराया गया है। ग्रीष्मकाल के दौरान इन गांवों में समस्याओं से बचने के लिए आवश्यक योजना के तहत समस्याग्रस्त गांवों को प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों द्वारा गोद लिया गया है। ये अधिकारी विभिन्न माध्यमों से गांव में पानी की आवश्यकता की गहन निगरानी करते हैं। इतना ही नहीं, जलापूर्ति से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए शिकायत निवारण प्रणाली भी लागू है। जिसके तहत गांधीनगर में 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसमें पेयजल से संबंधित सभी शिकायतें टोल-फ्री नंबर 1916 के माध्यम से दर्ज की जाती हैं। इसके अलावा, जल आपूर्ति बोर्ड के मुख्यालय में एक सक्रिय कॉल सेंटर जलसंपर्क चालू किया गया है। इस कॉल सेंटर के माध्यम से अब तक 52,000 से अधिक लोगों से संपर्क किया जा चुका है, जिनमें से 99.50 प्रतिशत को सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं। गांव स्तर पर पाइपलाइन लीकेज सहित सुचारू मरम्मत और रखरखाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए अब तक कुल 13,700 ऑपरेटरों, संपर्क अधिकारियों और संसाधन व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया है। प्रत्येक जिले के जिला विकास अधिकारियों और कलेक्टरों को यह भी सुझाव दिया गया है कि वे अपने जिले में पेयजल की स्थिति और शिकायतों की नियमित समीक्षा के लिए जिला जल एवं स्वच्छता समिति की नियमित बैठकें आयोजित करें। सतीश/22 मई