अबू धाबी,(ईएमएस)। ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद पर पाकिस्तान की सच्चाई से दुनिया को बताने विभिन्न दलों के भारतीय सांसद अलग-अलग देशों के दौरे पर हैं। इसी कड़ी में शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में अहम बैठक की। बैठक के दौरान सांसदों की यूएई संघीय राष्ट्रीय परिषद के रक्षा मामलों, आंतरिक और विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष डॉ.अली राशिद अल नुमामी से भी मुलाकात हुई। डॉ. राशिद ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म या राष्ट्रीयता नहीं होती। यह समस्त मानवता और पूरी दुनिया के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, हम इस पर सहमत हैं कि आतंकवाद केवल एक राष्ट्र या क्षेत्र के लिए ही खतरा नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक खतरा है। हमारा मानना है कि हमें एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रूप में एक साथ आना चाहिए, विशेष रूप से संसद सदस्यों को, हमें योजना और रणनीति बनाने पर काम करना चाहिए और मानवता के लिए बेहतर भविष्य बनाने में लगना चाहिए। आतंकवाद से लड़ने के भारत के प्रयासों पर डॉ. राशिद ने कहा कि हम पहले से ही भारत सरकार के साथ सहयोग कर रहे हैं। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं हो सकता। भारत एक रणनीतिक साझेदार है, यह सिर्फ सरकार के साथ ही नहीं बल्कि इसके लोगों के साथ भी है। बता दें कि शिवसेना सांसद शिंदे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन के लिए रवाना हुआ है। वहीं सांसद शिंदे ने कहा कि हमने यूएई समकक्षों के साथ बहुत ही अहम बैठक की। हमारे प्रतिनिधि मंडल ने रक्षा समिति के अध्यक्ष अली राशिद अल नूमी से मुलाकात की। मंडल ने सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान के साथ भी बैठक की। मुझे लगता है कि यूएई आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ पूरी प्रतिबद्धता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। यूएई द्वारा दिया गया स्पष्ट संदेश था- हम भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं, आतंकवाद से लड़ रहे हैं। मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश है क्योंकि यूएई जैसा देश, जो एक इसतरह के पड़ोस में है जहां विविधता यूएई की मुख्य संस्कृति है - भारत की तरह, भारत भी एक बहुत ही विविध राष्ट्र है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यूएई जैसा देश इन कठिन समय में भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। मुझे लगता है कि यूएई समकक्षों से संदेश बहुत स्पष्ट रहा है कि हम हैं इस आतंकवाद के खिलाफ आपके साथ हूं और संदेश दिया गया कि किसी भी धर्म के नाम पर आतंकवाद नहीं पनप सकता। दोनों मंत्रियों की ओर से एक बात बहुत स्पष्ट थी। आशीष दुबे / 22 मई 2025