गुना (ईएमएस)। नगर पालिका परिषद गुना में प्रशासनिक फैसलों को लेकर मचे घमासान ने अब दिल्ली तक दस्तक दे दी है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) के तबादले और नए प्रभारी की कार्यशैली से नाराज नगर पालिका अध्यक्ष सविता अरविंद गुप्ता और भाजपा पार्षदों का एक प्रतिनिधिमंडल राजधानी दिल्ली पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की और गुना नगर पालिका क्षेत्र की जमीनी हकीकत से उन्हें अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल में नगर पालिका अध्यक्ष सविता गुप्ता, उनके पति और पूर्व पार्षद अरविंद गुप्ता, तथा भाजपा के करीब 20 पार्षद शामिल थे। सभी ने मिलकर केंद्रीय मंत्री को गुना नगर क्षेत्र की व्यवस्थाओं, विकास कार्यों में आ रही अड़चनों और प्रशासनिक अड़ंगों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही क्षेत्र में बढ़ती जनसमस्याओं और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा को लेकर चिंता भी जताई। क्यों उपजा विवाद? दरअसल, विवाद की जड़ कलेक्टर द्वारा हाल ही में की गई एक प्रशासनिक कार्रवाई है। जिसमें तत्कालीन सीएमओ तेज सिंह यादव को पद से हटाकर डिप्टी कलेक्टर मंजुषा खत्री को प्रभारी सीएमओ का प्रभार सौंपा गया। इस निर्णय के बाद से ही नगर पालिका परिषद और प्रशासन के बीच तालमेल बिगड़ता चला गया। नगरपालिका अध्यक्ष सविता गुप्ता और परिषद के कई पार्षदों ने यह आरोप लगाया है कि प्रभारी सीएमओ न तो उनकी बात सुनती हैं, न ही मुलाकात का समय देती हैं और न ही फोन कॉल्स का जवाब देती हैं। इससे जनप्रतिनिधियों में गहरी नाराजगी फैल गई है। परिषद का कहना है कि न तो विकास कार्यों पर ध्यान दिया जा रहा है और न ही उनकी प्राथमिकताओं को सुना जा रहा है। अध्यक्ष और प्रभारी सीएमओ के बीच संवादहीनता सूत्रों के अनुसार नपाध्यक्ष सविता गुप्ता और प्रभारी सीएमओ के बीच संवादहीनता की स्थिति बनी हुई है। दोनों के बीच समन्वय की कमी ने प्रशासनिक कामकाज को प्रभावित किया है। नगर परिषद के अनुसार विकास कार्य ठप होते जा रहे हैं और जनप्रतिनिधियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिससे आम जनता में भी असंतोष बढ़ता जा रहा है। सिंधिया से दिल्ली में मुलाकात इन्हीं कारणों से नाराज नपाध्यक्ष और भाजपा पार्षदों का एकजुट प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को दिल्ली पहुंचा और सिंधिया से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने सिंधिया से निवेदन किया कि वे गुना नगरपालिका की बिगड़ती प्रशासनिक स्थिति को संज्ञान में लेकर जरूरी हस्तक्षेप करें ताकि विकास कार्यों में तेजी आ सके और जनप्रतिनिधियों की गरिमा बहाल रहे। इस भेंट के दौरान पार्षदों ने सिंधिया को ग्वालियर-शिवपुरी-गुना रेल मार्ग पर प्रस्तावित बैंगलोर आईटी हब के लिए नई ट्रेन की स्वीकृति पर नगरवासियों की ओर से धन्यवाद भी दिया। साथ ही अनुरोध किया कि गुना के विकास में चल रही अड़चनों को दूर करने के लिए मंत्रालय स्तर से प्रयास किए जाएं। प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन रहे शामिल? इस प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से नपाध्यक्ष सविता गुप्ता, पूर्व पार्षद अरविंद गुप्ता के अलावा पार्षद राधा कुशवाह, बबीता साहू, अनिता कुशवाह, ओमप्रकाश ‘गब्बर’ कुशवाह, फुलबाई ओझा, विनोद लोधा, सुशीला कुशवाह, विमला साहू, संध्या सोनी, कीर्ति सरबैया, कैलाश धाकड़, राजू ओझा, तरुण मालवीय, अलका कोरी, ममता तोमर, नीता कुशवाह, रमेश भील, सचिन धुरिया और राजकुमारी जाटव आदि शामिल रहे। इन सभी पार्षदों ने एक स्वर में कहा कि जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा और मनमाने प्रशासनिक रवैये को किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। बहरहाल गुना नगर पालिका परिषद में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच चल रही रस्साकशी अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। प्रतिनिधिमंडल की यह दिल्ली यात्रा केवल एक मुलाकात भर नहीं, बल्कि स्थानीय प्रशासनिक ढांचे के प्रति गंभीर असंतोष की झलक है। अब देखना यह होगा कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया इस पूरे मसले पर क्या रुख अपनाते हैं और क्या प्रशासनिक स्तर पर जल्द कोई ठोस बदलाव देखने को मिलेगा? फिलहाल गुना की नगर राजनीति में यह घटनाक्रम बड़ा संकेत बनकर उभरा है। ईएमएस/मोहने/ 29 मई 2025