कीव,(ईएमएस)। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने अपनी ब्रह्मोस मिसाइल का करिश्मा दिखाया है। ब्रह्मोस ने जो कहर पाकिस्तान में बरपाया, उसकी ताकत देखकर भारत ही नहीं, रूस के दुश्मन भी डरे हुए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस ने मिलकर डेवलप किया था। यूक्रेन के पास पहले से ही अमेरिका की एटीएसीएमएस, ब्रिटेन और फ्रांस की स्टॉर्म शैडो जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें हैं। इनका इस्तेमाल अब तक सिर्फ यूक्रेन की सीमा में रूसी ठिकानों पर हो रहा था। लेकिन जर्मनी के ताजा फैसले ने यूक्रेन को रूस के अंदर हमला करने की ताकत दी है। एटीएसीएमएस मिसाइलें 300 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं, जबकि स्टॉर्म शैडो 250 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक सटीक निशाना लगाती हैं। टॉरस मिसाइल, जो यूक्रेन को नहीं मिली, वह 481 किलो ग्राम के वॉरहेड के साथ दुश्मन के बंकरों और रडार स्टेशनों को तबाह कर सकती है। रूस में इसे पी-800 ओनिक्स के नाम से जाना जाता है। सटीक हमलों से ब्रह्मोस मिसाइल गेम चेंजर साबित हुआ है। यही कारण है कि यूक्रेन और उसका समर्थन करने वाले पश्चिमी देशों की सांसें अटक गई हैं। यूक्रेन को डर है कि रूस भी ब्रह्मोस जैसी ताकत से वैसी ही तबाही मचा सकता है, जैसी पाकिस्तान में हुई है। पिछले तीन साल से रूस के साथ जंग में उलझा यूक्रेन अपने सहयोगियों से हथियारों के लिए गिड़गिड़ा रहा है। जर्मनी से उसने टॉरस मिसाइल मांगी है। यह मिसाइल 500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर सकती है। लेकिन जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने इस मिसाइल को देने की कोई बात नहीं की है। हालांकि, मर्ज ने एक बड़ा ऐलान किया कि यूक्रेन को अब लंबी दूरी के हथियारों से रूस की सीमा में हमला करने की खुली छूट है। उन्होंने कहा, ‘जो देश सिर्फ अपने जमीन पर दुश्मन से लड़े, वह पूरी ताकत से अपनी रक्षा नहीं कर सकता।’ यह फैसला महीनों पहले लिया गया था, लेकिन अब इसका खुलासा हुआ है। इस बीच, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक बड़ा दांव चला है। उन्होंने ऐलान किया कि रूस 2 जून को इस्तांबुल में यूक्रेन के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार है। रूस ने एक मेमोरेंडम तैयार किया है, जिसमें युद्ध की जड़ों को खत्म करने का उनका प्लान है। रूस का कहना है, ‘हम तुरंत युद्धविराम की बातचीत शुरू करने को तैयार हैं।’ रूस की डेलिगेशन, व्लादिमीर मेदिन्स्की की अगुआई में, यूक्रेन से आमने-सामने बात करने को बेताब है। वीरेंद्र/ईएमएस 30 मई 2025