राष्ट्रीय
01-Jun-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ रहे हैं। इस बीच, एक नए अध्ययन में सामने आया हैं कि करीब 15 प्रतिशत बच्चे लॉन्ग कोविड से पीड़ित हैं। उम्र के हिसाब से उनके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। बच्चों में लॉन्ग कोविड को लंबे समय तक रहने वाले लक्षणों के रूप में परिभाषित कर सकते है जो सार्स-कोव-2 संक्रमण के बाद कम से कम तीन महीने तक रहते हैं। अध्ययन में 472 शिशुओं और मार्च 2022 से जुलाई 2024 तक नामांकित 539 प्रीस्कूल-आयु वर्ग के बच्चों को शामिल किया गया है। इसमें पाया गया कि करीब 15 प्रतिशत बच्चों में लॉन्ग कोविड था। दो साल और उससे कम आयु के 278 बच्चों में से करीब 40 (14 प्रतिशत) में लक्षण थे, जबकि तीन से पांच वर्ष की आयु के 399 बच्चों में से 61 (15 प्रतिशत) में लक्षण थे। इसके अलावा, अध्ययन से पता चला है कि शिशुओं और बच्चों में तीन से पांच साल की उम्र के प्रीस्कूलर की तुलना में अलग-अलग लॉन्ग-कोविड लक्षण दिखाई देते हैं। शिशुओं और बच्चों (दो साल से कम उम्र के) में सोने में परेशानी, चिड़चिड़ापन, भूख न लगना, नाक बंद होना और खांसी होने की संभावना अधिक होती है। तीन से पांच साल की उम्र में सूखी खांसी और दिन में थकान/ कम ऊर्जा होने की संभावना अधिक होती है। कुल मिलाकर, संभावित लांग कोविड वाले 74 प्रतिशत प्रीस्कूलर ने सूखी खांसी की समस्या बता दी। ये लक्षण आमतौर पर बड़े बच्चों और किशोरों में दिखने वाले लक्षणों से बहुत अलग हैं, जिन्हें लॉन्ग कोविड है। अध्ययन में पाया गया कि स्कूल जाने वाले बच्चों में न्यूरोलॉजिकल लक्षण होने की संभावना अधिक होती है, जैसे ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, सोने में परेशानी या चक्कर आना। उन्हें पीठ या गर्दन में दर्द, सिरदर्द, पेट में दर्द या उल्टी भी हो सकती है। कभी-कभी, उनके व्यवहार में बदलाव होते हैं। आशीष/ईएमएस 01 जून 2025