राष्ट्रीय
01-Jun-2025
...


नई दिल्ली(ईएमएस)। पाकिस्तान और अमेरिका के बीच करीब 10 बिलियन डॉलर का कोराबार होता है। इसमें से भी पाकिस्तान को यहां करीब 5 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस है। ट्रंप ने पहले पाकिस्तान पर 29 प्रतिशत तक का भारी टैरिफ ठोंकने का चेतावनी दे चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान के प्रतिनिधि अगले सप्ताह अमेरिका पहुंच रहे हैं ताकि दोनों देशों के बीच टैरिफ पर समझौता किया जा सके। बता दें कि यह वहीं पाकिस्तान है, जिसे दुनिया भर में आतंकवाद को पनाह देने वाले देश के तौर पर देखा जाता है। दूसरी तरफ भारत है, जो अमेरिका का रणनीतिक, आर्थिक और लोकतांत्रिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच व्यापार का आंकड़ा 130 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है, जबकि पाकिस्तान के साथ यह महज 10 बिलियन डॉलर के आसपास है। फिर भी ट्रंप की पाकिस्तान को लेकर ‘नरमी’ कई सवाल खड़े कर रही है। दरअसल ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, पाकिस्तान के प्रतिनिधि अगले सप्ताह आ रहे हैं। और भारत के साथ, जैसा कि आप जानते हैं, हम एक डील के बेहद करीब हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान और भारत युद्ध के रास्ते पर चलते, तो वे किसी भी समझौते में दिलचस्पी नहीं रखते। ट्रंप ने दावा किया कि उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को टैरिफ डील के जरिये रोका, न कि गोलियों से। ट्रंप ने कहा, ‘हमने व्यापार के जरिये इस संघर्ष को टाला। आमतौर पर ये देश गोलियों के जरिये लड़ते हैं, लेकिन हमने व्यापार के जरिये सुलह कराई। भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में वॉशिंगटन का दौरा किया है। इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत को अंतिम रूप देने की कोशिशें हुईं। उम्मीद है कि जुलाई की शुरुआत तक दोनों देश किसी समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इन तमाम तथ्यों के बावजूद ट्रंप का पाकिस्तान के प्रति उदार रुख भारत में कई लोगों को चौंका रहा है। जिस देश पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खुले समर्थन के आरोप लगते रहे हैं, उसके साथ व्यापार समझौते की संभावनाएं जताना, अमेरिका की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करता है। तो क्या यह सब सिर्फ कूटनीतिक संतुलन साधने की रणनीति है? या फिर ट्रंप का यह रवैया उनके व्यापारिक नजरिए से जुड़ा है। वीरेंद्र/ईएमएस 01 जून 2025