एसीबी ने एफआईआर के लिए राज्यपाल से मंजूरी मांगी जयपुर,(ईएमएस)। जल जीवन मिशन (जेजेएम) में भ्रष्टाचार के आरोप में कांग्रेस नेता महेश जोशी की गिरफ्तारी के बाद अब पूर्व अशोक गहलोत सरकार के एक और मंत्री उदयलाल आंजना पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जीएसएस) में व्यवस्थापकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़े के मामले में एसीबी ने एफआईआर के लिए राज्यपाल से मंजूरी मांगी है। मामले में सरकार विभाग के कई अधिकारियों के खिलाफ पीसी एक्ट की धारा 17 ए के तहत जांच की मंजूरी दे चुकी है। विभागीय स्तर पर जांच में इन अफसरों पर लगाए आरोप सही मिले है। सहकारी विभाग में स्क्रीनिंग की तरह ही एमडीएम (मिड डे मील) का मामला भी चर्चा में है। इसमें भी एसीबी ने विभाग के कई अधिकारियों के साथ-साथ तीन आईएएस अफसरों के खिलाफ जांच शुरू करने की मंजूरी भी भजनलाल सरकार से मांगी है। सहकारी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ विभाग के मंत्री ने मंजूरी दे दी है। आईएएस को लेकर मामला अभी डीओपी में लंबित है। प्रदेश की ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जीएसएस) में वर्ष 2022-23 में हुई स्क्रीनिंग से मैनेजर (व्यवस्थापक) की नियुक्ति में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े के मामले सामने आए है। जिला और खंड स्तर पर बनाई गई स्क्रीनिंग कमेटियों ने सारे नियम दरकिनार कर उन लोगों को व्यवस्थापक और सहायक व्यवस्थापक बना दिया, जो पात्र नहीं थे। 1100 से अधिक की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में सात हजार से अधिक जीएसएस हैं। इसमें कई में मैनेजर के पद लंबे समय से खाली हैं। यहां समिति के संचालक बोर्ड ने अस्थायी रूप से सहायक व्यवस्थापक व सैल्समैन नियुक्त कर रखे थे। गत सरकार के समय तय किया कि वर्ष 2017 से पहले से कार्यरत सहायक व्यवस्थापक व व्यवस्थापक को नियमित किया जाए। वर्ष 2017 के बाद के मामलों में नियुक्ति सहकारी भर्ती बोर्ड के माध्यम से ही भर्ती करने का निर्णय किया गया। आशीष दुबे / 01 जून 2025