नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत ने फिर दो टूक कहा है कि पाकिस्तान ने सीमा पार आतंकवाद फैलाकर सिंधु जल समझौते (आईडब्ल्यूटी) का उल्लंघन किया है। ताजिकिस्तान में हुई बैठक में भारत ने पाकिस्तान पर यह आरोप लगाया है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री और विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने दुशांबे में ग्लेशियरों को लेकर आयोजित बैठक में यह कहा। कीर्ति वर्धन सिंह ने ये तब कहा, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर पानी को हथियार बनाने का आरोप लगाया था। पाकिस्तान के पीएम शरीफ ने यह आरोप यूएन के एक मंच पर लगाया था। शरीफ ने कहा था कि उनका देश भारत को आईडब्ल्यूटी को रोकने की इजाजत नहीं देगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत लाखों लोगों की जान खतरे में डाल रहा है। राज्य मंत्री सिंह ने पाकिस्तान की इस हरकत की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस मंच का गलत इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौते की शुरुआत में ही लिखा है कि यह समझौता अच्छे इरादे और दोस्ती के साथ किया गया है। उन्होंने कहा कि समझौते का ईमानदारी से पालन करना बहुत जरूरी है। लेकिन पाकिस्तान की ओर से होने वाला सीमा पार आतंकवाद समझौते को लागू करने में बाधा डाल रहा है। मंत्री सिंह ने कहा, हमें पाकिस्तान द्वारा इस मंच का दुरुपयोग करने और इसतरह के मुद्दों पर अनावश्यक संदर्भ लाने के प्रयास से निराशा हुई है जो इस मंच के दायरे में नहीं आते हैं। हम इस तरह के प्रयास की कड़ी निंदा करते हैं उन्होंने कहा कि यह एक सच्चाई है कि परिस्थितियां बदल गई हैं। तकनीकी विकास हुआ है, जनसंख्या बदली है, जलवायु परिवर्तन हो रहा है और सीमा पार आतंकवाद का खतरा भी है। इसलिए अब इस समझौते की शर्तों पर फिर से विचार करने की जरूरत है। मंत्री सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के अंदर भी यह बात चल रही है कि इस समझौते की शर्तों को बदलना चाहिए। बहुत समय से यह माना जा रहा है कि यह समझौता भारत के हितों के खिलाफ है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान, जो खुद समझौते का उल्लंघन कर रहा है, उस आंतकी पाकिस्तान को इस समझौते के उल्लंघन का आरोप भारत पर लगाने से बचना चाहिए। आशीष दुबे / 01 जून 2025