लेख
02-Jun-2025
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इजराइल दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने युद्ध क्षेत्र में लेजर हथियारों का इस्तेमाल कर दुश्मन के ड्रोन गिराये हैं। इजराइल के रक्षा मंत्रालय के ब्रिगेडियर जनरल ने इसकी पुष्टि कर दी है। उन्होंने कहा कि हमने हाई पावर लेजर का पहला प्रयोग युद्ध भूमि पर सफलतापूर्वक किया है। एक वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें लेजर किरणें ड्रोन पर निशाना साधते हुए दिख रही हैं। लेजर किरणों से ड्रोन के पंख में आग लग गई और वह गिरकर नष्ट हो गया। लेजर सिस्टम की इजराइल डिफेंस कंपनी ने इसे विकसित किया है। यह तकनीक प्रकाश किरण (लेजर बीम) के माध्यम से अपने लक्ष्य को तय करती है और लक्ष्य में पहुंचते ही उसे नष्ट कर देती है। इजराइल लेजर को आयरन बीम के साथ जोड़कर बड़े पैमाने पर इसकी तैनाती कर रहा है। वर्तमान में तीसरे युद्ध की आशंका देखने को मिल रही है। घातक हथियारों से पूरी दुनिया के देश लेस हैं। तीसरा विश्व युद्ध अत्याधुनिक तकनीकी से लड़ा जाएगा, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता एआई, ऑटोमेटिक सिस्टम और घातक हथियारों के साथ होगा। यदि इस प्रकार से तीसरा विश्व युद्ध होगा तो कितना विनाशकारी होगा, इसकी कल्पना मात्र से भय लगता है। पिछले कुछ महीनो में जिस तरह से युद्ध क्षेत्र में पारंपरिक हथियार ड्रोन के माध्यम से अत्याधिक स्वचालित प्रणाली से जो युद्ध लड़े जा रहे हैं, वह मानवीय जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं। अत्याधुनिक प्रभावशाली घातक हथियार जिस तरह से विनाश कर रहे हैं, उसको देखते हुए आज सारी दुनिया भयाक्रांत है। किस देश ने कौन सी तकनीकी तैयार कर ली है और कौन से हथियार तैयार कर लिए गए हैं, इसकी जानकारी अन्य देशों के पास उपलब्ध नहीं होने से इनसे बचाव करना भी बड़ा मुश्किल हो गया है। रूस और यूक्रेन के बीच पिछले कई महीनों से युद्ध चल रहा है। इसमें दोनों ही देश का भारी विनाश हुआ है। इजराइल आज सारी दुनिया के लिए एक सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। इजराइल और फिलीस्तीन के बीच शुरू हुए युद्ध में अभी तक लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। गाजा एक तरह से बर्बाद हो चुका है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इस युद्ध को रोकने में कोई भूमिका अदा नहीं कर पाई हैं। हमास को खत्म करने के लिए इजराइल ने जो हमले गाजा पर शुरू किए थे, वे इतने विनाशकारी होंगे इसकी कल्पना भी वर्तमान में करना मुश्किल है। अब लेजर किरणों से यदि विश्व युद्ध लड़ा जाएगा तो भगवान ही मालिक होगा। इसके परिणाम किस तरह के होंगे, यह कहना मुश्किल है। युद्ध के मैदान में अभी तक लाइटरिंग म्युनिशंस ड्रोन लक्ष्य का पता लगाकर हमला करते हैं। मिसाइल रक्षा प्रणालियां एआई आधारित ड्रोन, परमाणु हथियार, रूस की सामरिक परमाणु मिसाइल, उत्तर कोरिया की हाउसांग मिसाइलें, रासायनिक एवं जैविक हथियारों आदि का तृतीय विश्व युद्ध में यदि उपयोग किया गया, तो विनाश की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जिस तरह से तीसरे विश्व युद्ध की आशंका दिखने लगी है, उसको देखते हुए महाभारत काल की भी याद आने लगी है। भगवान कृष्ण के कहने पर कौरवों ने पांच गांव भी पांडवों को नहीं दिए थे। महाभारत का युद्ध हुआ। यह इतना विनाशकारी था कि युद्ध खत्म होने के बाद कौरव और उनकी सेना पूरी तरह से नष्ट हो गई। भगवान कृष्ण के नेतृत्व में पांडव यह युद्ध जीत गए थे। लेकिन किसके ऊपर राज करेंगे यह उन्हें समझ नहीं आया। जिनके ऊपर राज करना था वह महाभारत के युद्ध में नष्ट हो चुके थे। ऐसी स्थिति में पांडवों को भी वानप्रस्थ की ओर जाना पड़ा था। संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्थाओं का इजराइल पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। अमेरिका भी इजराइल को नियंत्रित नहीं कर पा रहा है। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू किसी की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है। दूसरी तरफ रूस और यूक्रेन के कई महीनो से चल रहे युद्ध को भी रोका नहीं जा सका है। भारत और पाकिस्तान के बीच एक नया तनाव देखने को मिल रहा है। चीन नई भूमिका में आ गया है। ऐसी स्थिति में जो दुनिया भर के देशों ने घातक हथियार बनाकर रखे हैं, उनसे कितना बड़ा नुकसान होगा। इसकी कल्पना सहज रूप से नहीं की जा सकती है। दुनिया के सभी देशों में आज एक दूसरे से लड़ने की मानसिकता बनी हुई है। प्रथम विश्व युद्ध में जो विनाश हुआ था, उसके बाद लोगों ने शांति के पथ की ओर बढ़ाना शुरू किया था। दूसरा विश्व युद्ध पहले विश्व युद्ध की तरह नहीं था द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सारी दुनिया के देश शांति के साथ मानवीय सभ्यता का विकास कर रहे थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में विशेष रूप से वैश्विक व्यापार संधि के बाद जो पूंजीवाद का भयानक रूप सामने देखने को मिल रहा है। उसके कारण सभी देश के बीच जिस तरीके की प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। वही तीसरे विश्व युद्ध का कारण बनता हुआ दिख रहा है। ईएमएस / 02 जून 25