जबलपुर, (ईएमएस)। अक्षय तृतीया से देवभूमि उत्तराखंड चार धाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है, वर्ष में केवल छह महीने तक चलनेवाली इस यात्रा में प्रत्येक हिन्दू अपने जीवन काल में जिन चार पवित्र स्थलों के दर्शन करने की अभिलाषा रखता है वे चारों यमनोत्री , गंगोत्री , केदारनाथ एवं बद्रीनाथ उत्तराखंड में ही स्थित है। हर साल लाखों की संख्या में लोग चार धाम की यात्रा के लिए जाते हैं । हिंदू मान्यताओं के अनुसार चारों दिशाओं में स्थित उत्तर में बद्रीनाथ धाम , दक्षिण में रामेश्वरम , पूर्व में जगन्नाथ पुरी और पश्चिम में द्वारिका पुरी ये चार धाम कहलाते हैं हिंदू धर्म में चार धाम की यात्रा बहुत ही पवित्र मानी जाती है, मान्यता है कि अगर व्यक्ति अपने जीवन काल में चार धाम की यात्रा करले, तो उसे जीवन - मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिमालय की गोद में स्थित उत्तराखंड देवभूमि के रूप में जाना जाता है जहां बद्रीनाथ धाम के अलावा यमनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ स्थित है जिन्हें छोटा चार धाम कहा गया है,इन चार पवित्र धामों की यात्रा में ऊंची-ऊंची हिमाच्छादित पर्वत चोटियां, घने जंगल, नदी घाटियां,कल - कल करती नदियां, झरने जहां एक अनुपम दृश्य प्रस्तुत करती है वहीं हिंदूओं की पवित्रतम नदियां भागीरथी गंगा, यमुना, सरस्वती (माणा गांव में) के उद्गम स्थल के अलावा क ई दर्शनीय स्थल भी इस चार धाम यात्रा में स्थित है। पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी मां नर्मदा तीर्थयात्रा स्लीपर कोच बस द्वारा श्री उत्तराखंड चार धाम यात्रा 9 जून सोमवार को श्री रूद्राभिषेक व नर्मदा पूजन अर्चन पश्चात् तिलवारा घाट जबलपुर से 50 सदस्यीय जत्थे के साथ रवाना होगी। यात्रा के संयोजक मुन्ना लाल बर्मन ने बताया कि 21 दिवसीय इस यात्रा में पन्ना, खजुराहो, बागेश्वर धाम, ओरछा, मथुरा - वृंदावन, गोवर्धन परिक्रमा, बरसाना, नंदगांव, हरिद्वार, ऋषिकेश, यमनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ,नैमीशारणय, अयोध्या, काशी बनारस, चित्रकूट मैहर इन सभी तीर्थ स्थलों के दर्शन करवायें जायेंगे, दर्शनो के उपरांत जबलपुर पहुंच कर तिलवारा घाट में नर्मदा पूजन अर्चन पश्चात् सभी तीर्थ यात्रियों को स्मृति स्वरूप यात्रा से संबंधित श्री बद्री विशाल दरबार की फ्रेम-युक्त फोटो देकर यात्रा का सुखद स्मृतियों के साथ समापन होगा। सुनील साहू / मोनिका / 02 जून 2025/ 05.17