03-Jun-2025
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मध्य प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी की मांग को लेकर कार्य योजना एवं संघर्ष का निर्णय ग्वालियर (ईएमएस)। अखिल भारतीय किसान सभा मध्य प्रदेश की ओर से शाकिर सदन भोपाल मे कार्यवाहक अध्यक्ष एवं कार्यशाला के आयोजक कॉम प्रहलाददास बैरागी द्वारा आमंत्रित की गई। जिसमें भोपाल, ग्वालियर, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, गुना, इंदौर के साथी उपस्थित हुए कार्यशाला में अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉमरेड राजन क्षीरसागर के मार्गदर्शन में संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता अशोक पाठक ने की। कार्यशाला के प्रारंभ में किसानों के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष करने वाले देश के प्रसिद्ध किसान नेता कॉम अतुल कुमार अंजान के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर, मध्य प्रदेश के कार्यवाहक अध्यक्ष कॉम प्रहलाद दास बैरागी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत करते हुए कार्यशाला के महत्व को आवश्यक बताते हुए कहा कि आज की कार्यशाला में किसान सभा के मध्य प्रदेश में संगठन को बढ़ाने, मजबूत करने एवं किसानो की विभिन्न समस्याएं और उनके समाधान के लिए कार्यशाला रखी गई है। इसी प्रकार की कार्यशाला 4 जून 25 को सिंगरौली जिला के साथ ग्वालियर, गुना, इंदौर अन्य मध्य प्रदेश के जिलों में भी आयोजित की जावेगी । कार्यशाला को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉम राजन क्षीरसागर ने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय पदाधिकारीयो की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी एवं उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (msp) को स्वामीनाथन आयोग के अनुशंसित सूत्र C2 प्लस 50% के अनुसार तय नहीं किया जाता। इसके अलावा किसानो की आय भोजन, वस्त्र, आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा और सांस्कृतिक विकास जैसी बुनियादी जरूरत को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हैं जिसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों की किसान विरोधी नीति के कारण किसान कर्ज में डूब गया है। इसके कारण भाजपा सरकार के कार्यकाल में 120000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है जिनकी औसत प्रतिदिन 31 किसानों ने अपनी जान लेली। किसानों की समस्याओं का समाधान केंद्र और राज्य सरकारों का संवैधानिक दायित्व है। जहां सरकार ने कारपोरेट क्षेत्र की 16 लाख करोड़ के ऋण माफ करने के लिए कानून बनाया वहीं कर्ज में डूबे किसानों को राहत देने हेतु ऐसा कोई कानून नहीं है। यह कॉरपोरेट क्षेत्र के मुकाबले किसानों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार को दर्शाता है। किसानों की कर्ज मुक्ति के लिए एवं अन्य समस्याओं के लिए समाधान के लिए निश्चित समय अवधि में किसनो के बीच जाकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर लाखों किसानों का प्रदर्शन आयोजन करने की जानकारी दी, जिले के किसानों के बीच गांव में जाकर उनकी समस्याएं प्रमुख रूप से कर्ज न चुकाने की स्थिति में उसके खिलाफ अमानवीय एवं प्रताड़ित एवं मानसिक कष्ट की जानकारी का इकट्ठा करना आवश्यक है प्रत्येक जिले में कम से कम 20 गांव को चिन्हित कर इसकी जानकारी इकट्ठा की जावे जिससे समस्या के समाधान के लिए राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष रूपरेखा तैयार की जा सके। कार्यशाला में उपस्थित प्रांतीय महासचिव जनक राठौर, कौशल शर्मा, फतेह सिंह, महेंद्र सिंह गुर्जर जगदीश बाबू कुशवाहा, एस एस मौर्य, संजय राठौर, शैलेंद्र शैली, मनोहर मिरोटा, कैलाश नारायण कुशवाहा,एम एल कंदरिया आदि उपस्थित साथियों ने चर्चा में भाग लेते हुए आगामी समय के लिए रणनीतिक तैयारी कर सफल बनाने का संकल्प लिया।