अंतर्राष्ट्रीय
04-Jun-2025
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इस्लामाबाद (ईएमएस)। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के बारे में बात करते हुए कहा कि इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक के पद से हटाए जाने के बाद फील्ड मार्शल उनकी पत्नी बुशरा बीबी के खिलाफ हो गए। खान ने कहा, जब मैंने प्रधानमंत्री के रूप में जनरल आसिम मुनीर को आईएसआई के महानिदेशक के पद से हटाया, तो उन्होंने इस मामले पर चर्चा करने के लिए मध्यस्थों के माध्यम से मेरी पत्नी बुशरा बीबी से संपर्क करना चाहा। जनरल मुनीर पर और भी निशाना साधते हुए खान ने कहा, जिस तरह से मेरी पत्नी को निजी प्रतिशोध के लिए निशाना बनाया गया है, उसकी कोई तुलना नहीं है। पाकिस्तान में तानाशाही के सबसे काले दौर में भी ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा, उन (बुशरा बीबी) पर सहायता करने और उकसाने का आरोप लगाया गया था, एक ऐसा आरोप जिसके लिए कभी कोई सबूत पेश नहीं किया गया और उन्हें एक के बाद एक झूठे मामलों में गिरफ्तार किया जाता रहा है। वह एक नागरिक हैं, एक गृहिणी हैं जिसका कोई राजनीतिक संबंध नहीं है। मुझे पिछले चार सप्ताह उससे मिलने की भी अनुमति नहीं दी गई है। खान ने सोमवार को ‘एक्स’पर एक पोस्ट में कहा, बुशरा बीबी ने स्पष्ट रूप से मना कर दिया और कहा कि उनका ऐसे मामलों से कोई लेना-देना नहीं है और वह उनसे नहीं मिलेंगी। बुशरा बीबी के अन्यायपूर्ण 14 महीने के कारावास और जेल में निंदनीय अमानवीय व्यवहार के पीछे जनरल आसिम मुनीर का प्रतिशोधी स्वभाव है।पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख खान कई मामलों में लगभग दो साल से जेल में हैं। उन्होंने कहा, जेल नियमों के अनुसार, मुझे एक जून को उनसे मिलना था, लेकिन अदालत के आदेशों का पूर्ण उल्लंघन करते हुए वह मुलाकात आयोजित करने से भी इनकार कर दिया गया। उन्होंने कहा, इस पूर्व नियोजित योजना के तहत, मुझे और मेरी पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गैरकानूनी तरीके से जेल में डाल दिया गया। हमारे लोकतांत्रिक जनादेश को बेशर्मी से चुराया गया और भ्रष्ट व्यक्तियों- शरीफ और जरदारी- को देश पर थोपा गया। खान ने कहा कि 9 मई, 2023 की घटनाएं, जिसमें सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया, वास्तव में लंदन योजना का एक हिस्सा थीं - जिसका एकमात्र उद्देश्य पाकिस्तान की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को खत्म करना था। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की सैन्य समर्थित सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, हमें लगातार फासीवादी उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, हमारे समर्थकों पर गोली चलाई गई और हमारे खिलाफ बेबुनियाद मामले गढ़े गए। खान ने कहा कि आतंकवाद रोधी अदालतें और कई न्यायाधीश उनकी पार्टी के खिलाफ दमन के इस अभियान में शामिल हैं। उन्होंने कहा, बार-बार मांग करने के बावजूद, वे 9 मई, 2023 से चोरी हुए सीसीटीवी फुटेज मंगाने या जांच करने से इनकार करते हैं। एक भी न्यायाधीश में उन टेपों की मांग करने और सबूतों के आधार पर फैसला सुनाने का साहस नहीं है। हम निर्दोष हैं। हमारे लोगों को बिना सबूत और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के बिना सजा दी जा रही है। वीरेंद्र/ईएमएस/04जून2025