राष्ट्रीय
04-Jun-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय में दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका को खारिज करते हुए शाहदरा स्थित विवादित जमीन को गुरुद्वारे के अधिकार में दे दिया है। वक्फ बोर्ड का दावा था कि इस जमीन पर पहले एक मस्जिद ‘तकिया बाबर शाह’ हुआ करती थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब जब वहां वर्षों से एक गुरुद्वारा स्थापित है और धार्मिक गतिविधियाँ सुचारू रूप से चल रही हैं, तो वक्फ बोर्ड को अपना दावा छोड़ देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, कि यह कोई किसी तरह का ढांचा नहीं, बल्कि एक सुचारू रूप से कार्यरत गुरुद्वारा है। एक धार्मिक स्थल कार्य कर रहा है, तो उसे वहीं रहने दें। इस पर वक्फ बोर्ड की ओर से तर्क देते हुए वक्फ बोर्ड के वकील संजय घोष ने कहा, कि निचली अदालतों ने माना था कि गुरुद्वारे से पहले वहां एक मस्जिद थी। वह वक्फ की संपत्ति थी, यानी धार्मिक उद्देश्यों के लिए दान की गई ज़मीन। यही वजह थी कि वक्फ बोर्ड ने इस संपत्ति की वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। प्रतिवादी का तर्क और पृष्ठभूमि प्रतिवादी पक्ष ने दलील दी कि यह जमीन 1953 में मोहम्मद अहसान द्वारा बेच दी गई थी, और उसके बाद कब्जा भी हो गया। हालांकि, उक्त बिक्री के कोई ठोस दस्तावेज कोर्ट में नहीं पेश किए जा सके। मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से अपनी याचिका वापस लेने की सलाह दी। अदालत ने दो टूक कहा कि सिर्फ यह कहना कि पहले मस्जिद थी, पर्याप्त नहीं है, जब तक कि दावे को ठोस साक्ष्यों के साथ साबित न किया जाए। हिदायत/ईएमएस 04जून25