शहडोल (ईएमएस) । विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत जिले में कृषि विभाग तथा सहयोगी विभागों कृषि विज्ञान केन्द्र, पशुपालन विभाग, उद्यानिकी तथा मत्स्यपालन विभाग के अमले द्वारा बुढ़ार, सोहागपुर तथा गोहपारू जनपद पंचायतों के तीन-तीन ग्रामों में कृषि शिविरों का आयोजन किया जा रहा हैं। सोहागपुर जनपद पंचायत के ग्राम कठौतिया में कृषि वैज्ञानिक डॉ अल्पना शर्मा के मार्गदर्शन में कृषि शिविर का आयोजन कर किसानों को कृषि संबंधी जानकारी दी गई तथा किसानों की समस्याओं का समाधान किया गया। शिवर में किसानों को खेती को आधुनिक बनाने के लिए महत्वपूर्ण सलाह दी गई। खेती की उन्नत तकनीक, फसलों के आधुनिक और उन्नत बीज, कृषि में किए जा रहे नवाचार, प्राकृतिक खेती, फसल विविधीकरण के संबंध में भी किसानों को जानकारी दी गई। कृषि शिविर में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी सोहागपुर सुभद्रा परस्ते ने किसानों को धान और हाइब्रिड धान में खाद के संतुलित उपयोग की सलाह दी है। उप संचालक ने कहा है कि सभी किसान अपने खेत की माटी की जाँच करा लें। इससे प्राप्त मृदा स्वास्थ्य कार्ड में खेत की माटी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों और कमी की जानकारी दर्ज रहती है। साथ ही उसमें फसल के अनुसार खाद के संतुलित उपयोग की भी मात्रा लिखी रहती है। उसी के अनुसार खाद का उपयोग करें। अधिक मात्रा में खाद का उपयोग किसान के लिए आर्थिक बोझ होने के साथ-साथ फसल और मिट्टी के लिए भी हानिकारक होता है। धान की सामान्य किस्म के लिए प्रति हेक्टेयर चार बैग चार किलो यूरिया और एक बैग 37 किलो डीएपी का उपयोग करें। इसके विकल्प के रूप में चार बैग 37 किलो यूरिया और पाँच बैग सिंगल सुपर फास्फेट अथवा चार बैग पाँच किलो यूरिया और दो बैग 25 किलो 12ः32ः16 खाद का उपयोग कर सकते हैं। इसके अन्य विकल्प के रूप में चार बैग तीन किलो यूरिया, तीन बैग सिंगल सुपर फास्फेट और दो बैग 16ः16ः16 खाद का उपयोग भी किया जा सकता है। उन्होंने ने बताया कि शंकर अथवा हाइब्रिड धान के लिए 22 किलो यूरिया एवं दो बैग 9 किलो डीएपी का उपयोग करें। इसके विकल्प के रूप में पाँच बैग 36 किलो यूरिया एवं सात बैग 25 किलो सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग किया जा सकता है। धीरेंद्र निगम / 04 जून, 2025