क्षेत्रीय
04-Jun-2025
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कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ निवेशकों की आवश्यकता पर की चर्चा बालाघाट (ईएमएस). बालाघाट उस जलवायु या स्थान में शामिल है जहां सबसे महंगे सूखे मेवे के उत्पादन की अच्छी सम्भावना है। यहां की जलवायु पर निवेशक भी सहमत है और वे यहां प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाने के इच्छुक है। इस सम्भावना को देखते हुए कलेक्टर मृणाल मीना ने इस क्षेत्र में जिले के किसानों को भरपूर लाभ देने के लिए मप्र उद्योग विकास निगम के साथ चर्चा की। इस सम्बंध में बुधवार को कलेक्टर मीना ने एपीसी की बैठक में वीसी के माध्यम से मुख्य रूप से जुड़े एमपीआईडीसी के मार्केटिंग अधिकारी से उद्यानिकी विभाग के अधिकारी के साथ ही निवेशकों की आवश्यकता पर चर्चा की। साथ ही कलेक्टर श्री मीना ने एमपीआईडीसी के अधिकारी ईश पलटाने के समक्ष बालाघाट के किसानों के साथ इन्वेस्टर्स व प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक मीटिंग के लिए प्रस्ताव रखा है। कृषि उत्पादन (एपीसी) की बैठक में कलेक्टर ने कृषि उपसंचालक राजेश खोबरागड़े को मिट्टी परीक्षण के नमूनों की जांच शीघ्रता से कराते हुए किसानों को परीक्षण रिपोर्ट विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान वितरित करने के निर्देश दिए है। साथ ही उन्होंने नरवाई प्रबंधन के लिए जिन विभागीय अधिकारियों को सुपर सीडर व हैप्पी सीडर में किसानों के पंजीयन का लक्ष्य दिया गया था। जो पूरा नही कर सकें है उन पर कार्यवाही के निर्देश दिए है। बैठक में आत्मा परियोजना संचालक अर्चना डोंगरे, एलडीएम संजीव कुमार व नाबार्ड के अधिकारी मौजूद रहे। 15 सौ करोड़ रुपए की लागत से तैयार होगी प्रोसेसिंग यूनिट एमपीआईडीसी के ईश पलटाने ने एपीसी की बैठक में वीसी के माध्यम से जुड़ते हुए बताया कि बालाघाट में काजू की संभावना के साथ ही चिन्नौर, चावल, आमचूर और चिरौंजी के लिए भी निवेशक इच्छुक है। वे यहां 1500 करोड़ रुपये काजू, चिरौंजी, आमचूर और राजगिरा की प्रोसेसिंग इकाई स्थापित करने के तैयार है। जिससे 15000 रोजगार सृजित करने का अनुमान है। उन्होंने एक रिसर्च स्टडी का उल्लेख करते हुए बताया कि यहां काजू की उत्पादन क्षमता अच्छी है। कलेक्टर ने कहा कि पूर्व में यहां कुछ क्षेत्र में पेड़ लगाए है परंतु किसी कारण वश उत्पादन और प्रसंस्करण नही हो सका। अब ऐसा नहीं है, प्रशासन हर स्तर से इस दिशा में बढऩे के लिए रूपरेखा तैयारी कर रहा है। काजू, चिरौंजी, आमचूर और चिन्नौर चावल के सम्बंध में एमपीआईडीसी के अधिकारी ने डेटा और आवश्यक जानकारी भी मांगी है। धरती आबा में ड्रिप सिंचाई का रकबा बढ़ाया जाएगा कलेक्टर मीना ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारी क्षितिज को निर्देश दिए है कि जब 90 प्रतिशत ड्रिप सिंचाई योजना में अनुदान है तो धरती आबा में 650 से 700 किसानों का ही पंजीयन क्यों है ? जबकि जिले में 30 हजार से अधिक किसान उद्यानिकी किसान है। कलेक्टर मीना ने उद्यानिकी विभाग को फल व सब्जी फसलों के साथ ही मसाला आधारित फसलों में सक्रियता के साथ किसानों को जुडऩे और उनके लिए बेहतरी से काम करने के निर्देश दिए है। भानेश साकुरे / 04 जून 2025