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06-Jun-2025
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- ब्याज दरों में कटौती से होमलोन और ऑटोलोन स‎हित सभी कर्ज होंगे सस्ते नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को रेपो रेट को 50 बेसिस पॉइंट्स कटौती की घोषणा कर दी। इसी के साथ रेपो रेट घटकर 5.50 फीसदी हो गई है। कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) 4 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर दिया गया है। आरबीआई ने पॉ​लिसी रूख अकोमडटिव से बदलकर न्यूट्रल किया। इससे पहले फरवरी 2025 और अप्रैल 2025 में रेपो रेट में 0.25-0.25 फीसदी की कटौती की गई थी, जिसके बाद ये घटकर 6.00 फीसदी पर पहुंच गया था। ब्‍याज दरों में कटौती का असर आम लोगों की रिटेल लोन की मंथली किस्त (ईएमआई) पर पड़ेगा। इसी के साथ आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। वहीं चालू वित्त वर्ष में रिटेल महंगाई दर के अनुमान को 4 फीसदी से घटाकर 3.7 फीसदी कर दिया गया है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि एमपीसी ने लिक्विडिटी एडजस्टमेंट सुविधा के तहत पॉलिसी रेपो रेट को 50 आधार अंकों से घटाकर 5.5 फीसदी करने का फैसला किया है। यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इसके साथ ही स्थायी जमा सुविधा दर 5.25 फीसदी पर समायोजित हो जाएगी। मार्जिनल स्टेंडिंग फैसिलिटी दर और बैंक दर 5.75 फीसदी पर समायोजित हो जाएगी। गवर्नर ने कहा ‎कि वैश्विक अर्थव्यवस्था नाजुक बनी हुई है। वैश्विक चिंताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती, स्थिरता और अवसर प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत तेज गति से बढ़ रही है। हम अपने विकसित भारत के विजन को और भी तेजी से आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था निवेशकों को अपार अवसर प्रदान करती है। वैश्विक स्तर पर टैरिफ संबंधी चिंताओं के टलने से अनिश्चितताएं कुछ कम हुई हैं। देश के एग्रीकल्चर और इंडस्ट्री प्रोडक्शन में मजबूती बनी हुई है, जबकि निजी खपत में भी तेजी देखी जा रही है। शहरी क्षेत्रों में मांग में सुधार के संकेत मिले हैं और निवेश की रफ्तार में भी बढ़त देखने को मिल रही है। सर्विस सेक्टर में उल्लेखनीय तेजी बनी हुई है, हालांकि निर्यात के मोर्चे पर अब भी चिंता बरकरार है। सतीश मोरे/06जून ---