व्यापार
04-Jun-2025


:: कोर बैंकिंग रणनीति में क्लाइमेट रिस्क मैनेजमेंट को किया शामिल :: मुंबई/जयपुर (ईएमएस)। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सतत वित्तीय प्रणालियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, भारत के सबसे बड़े स्मॉल फाइनेंस बैंक एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (एयू एसएफबी) ने अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत बैंक एक व्यापक क्लाइमेट रिस्क एडवायजरी प्रोग्राम शुरू करेगा। इस पहल के माध्यम से एयू एसएफबी अपनी गवर्नेंस प्रणाली, रणनीतिक योजना, रिस्क मैनेजमेंट प्रक्रियाओं और ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) प्रकटीकरण में क्लाइमेट रिस्क को एकीकृत करेगा — जो वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और उभरती नियामक अपेक्षाओं के अनुरूप है। इस साझेदारी में आईएफसी, एयू एसएफबी के प्रमुख ईएसजी और क्लाइमेट रिस्क एडवायजर की भूमिका निभाएगा और बैंक को क्लाइमेट से संबंधित वित्तीय जोखिमों को मापने, प्रकटीकरण करने और प्रबंधित करने में सहायता करेगा। यह सहयोग भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हालिया क्लाइमेट डिस्क्लोजर गाइडलाइंस और वैश्विक ढांचे जैसे टास्क फोर्स ऑन क्लाइमेट-रिलेटेड फाइनेंशियल डिस्क्लोजर (टीसीएफडी) के अनुरूप भी है। यह साझेदारी एयू एसएफबी की लचीली बैंकिंग प्रणालियों और सतत वित्तीय समावेशन के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराती है और इसमें तीन प्रमुख घटक शामिल हैं: 1. फिजिकल रिस्क असेसमेंट : बैंक के लोन पोर्टफोलियो पर बाढ़, सूखा और चरम मौसम घटनाओं जैसे भौतिक खतरों के प्रभाव का विस्तृत मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें आईपीसीसी (इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज) के परिदृश्यों और 2100 तक की दीर्घकालिक भविष्यवाणियों का उपयोग करते हुए एक जोखिम हीटमैप तैयार किया जाएगा, जिससे संवेदनशील भौगोलिक क्षेत्रों और क्षेत्रों की पहचान की जाएगी। 2. ट्रांजिशन रिस्क असेसमेंट : भारत के लो-कार्बन लक्ष्यों से संबंधित नीतिगत बदलावों, बाजार परिवर्तनों और तकनीकी व्यवधानों से उत्पन्न संभावित वित्तीय जोखिमों का विश्लेषण किया जाएगा। इसके लिए बैंक नेटवर्क फॉर ग्रीनिंग द फाइनेंशियल सिस्टम (एनजीएफएस) के परिदृश्यों का उपयोग करेगा। 3. फाइनेंस्ड एमिशन कैल्कुलेशन : बैंक अपने विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों — जैसे कॉरपोरेट ऋण, एसएमई फाइनेंस, रियल एस्टेट और सरकारी बॉन्ड — में फाइनेंस्ड एमिशन (स्कोप 3, कैटेगरी 15) को मापने के लिए पार्टनरशिप फॉर कार्बन अकाउंटिंग फाइनेंशियल्स (पीसीएएफ) की पद्धति अपनाएगा। यह गणना वित्त वर्ष 2024–25 और 2025–26 के लिए की जाएगी। इस तकनीकी सलाह कार्यक्रम के विश्लेषणात्मक मॉडलिंग और मापन कार्यों में आईएफसी को स्टेपचेंज नामक एक विशेषीकृत क्लाइमेट रिस्क समाधान प्रदाता का सहयोग प्राप्त होगा। एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के संस्थापक, एमडी और सीईओ संजय अग्रवाल ने कहा, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम दोहराते हैं कि समावेशी विकास का मार्ग तभी सार्थक है जब वह टिकाऊ हो। आईएफसी के साथ यह साझेदारी एयू एसएफबी की स्थिरता यात्रा में एक रणनीतिक मोड़ है। भारत के अविकसित क्षेत्रों में सेवा देने वाले एक मूल्य-आधारित संगठन के रूप में हम समझते हैं कि क्लाइमेट रेजिलियंस लंबी अवधि के वित्तीय समावेशन के लिए आवश्यक है। जलवायु संबंधी पहलुओं को हमारी जोखिम संरचना और निर्णय-प्रक्रिया में व्यवस्थित रूप से एकीकृत करके, हम अपने पोर्टफोलियो को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं और भारत के क्लाइमेट ट्रांजिशन के लिए पूंजी जुटाने की दिशा में अग्रसर हैं। यह पहल जिम्मेदार बैंकिंग और सभी हितधारकों के लिए सतत मूल्य सृजन के प्रति हमारी दोहरी प्रतिबद्धता के अनुरूप है। एयू एसएफबी पहले से ही सतत नेतृत्व प्रदर्शित कर चुका है। ग्रीन फिक्स्ड डिपॉजिट उत्पाद की शुरुआत के माध्यम से बैंक ने 31 मार्च 2025 तक ₹1,178 करोड़ जुटाए हैं, जिनका उपयोग केवल नवीकरणीय ऊर्जा और स्वच्छ परिवहन क्षेत्रों में किया गया है। बैंक को सस्टेनेबल ईएसजी रिस्क रेटिंग में 17.1 (लो रिस्क) स्कोर और एमएससीआई ईएसजी असेसमेंट में एए रेटिंग प्राप्त है। उमेश/पीएम/04 जून 2025