05-Jun-2025
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लंदन (ईएमएस)। भोजन करने के बाद अक्सर लोगों को सुस्ती और नींद का अनुभव होता है। आमतौर पर यह एक सामान्य स्थिति है। इस बारे में हेल्थ विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह बार-बार हो तो यह किसी शारीरिक समस्या का संकेत भी हो सकता है। एक रिपोर्ट में इसे पोस्ट-प्रैंडियल सॉमनोलेंस या फूड कोमा कहा गया है, जो भोजन के बाद नींद, थकावट, एकाग्रता की कमी और ऊर्जा के गिरने जैसे लक्षणों से जुड़ी होती है। इसका स्पष्ट कारण अब तक वैज्ञानिक रूप से नहीं जाना जा सका है, लेकिन यह पाचन प्रक्रिया का एक स्वाभाविक हिस्सा माना जाता है। भोजन के बाद शरीर का रक्त प्रवाह पाचन तंत्र की ओर हो जाता है, जिससे मस्तिष्क की ओर रक्त की आपूर्ति कुछ समय के लिए घट जाती है और व्यक्ति को थकावट महसूस होती है। ऐसा भी माना जाता है कि मनुष्य की आदतों में यह प्रवृत्ति पुरानी है। जब आदिकाल में लोग शिकार कर भोजन करते थे तो उसके बाद आराम करना सामान्य बात थी। इसके अलावा कुछ खाद्य पदार्थों में ऐसे तत्व होते हैं जो नींद लाने वाले हार्मोन को सक्रिय कर देते हैं। प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट जैसे सफेद ब्रेड, चावल, पास्ता और मीठी चीजें खून में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ाती हैं और इंसुलिन का स्तर भी ऊपर जाता है। इससे थकावट हो सकती है। ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड सेरोटोनिन नामक हार्मोन को बढ़ाता है, जिससे नींद आती है। खाने की मात्रा भी मायने रखती है। ज्यादा खाना खाने पर शरीर को पचाने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे सुस्ती आती है। ब्रिटिश डायटेटिक एसोसिएशन की विशेषज्ञ के अनुसार वसायुक्त भोजन से नींद ज्यादा आती है और शरीर की जैविक घड़ी भी दोपहर के समय धीमी हो जाती है। नींद की कमी भी इस स्थिति को बढ़ा सकती है। डायबिटीज, फूड इनटॉलरेंस, आयरन या विटामिन बी 12 की कमी और थायरॉयड जैसी बीमारियों में भी यह समस्या बढ़ सकती है। समाधान के तौर पर विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि भारी भोजन से बचें, खाने के समय का ध्यान रखें और यदि यह समस्या लगातार बनी रहती है तो डॉक्टर से परामर्श लें। सुदामा/ईएमएस 05 जून 2025