राष्ट्रीय
05-Jun-2025
...


नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत का रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने पहले ही इस तरह के हमलों से निपटने की व्यवस्था कर दी है। भारत का स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम (बीएमडी) किसी भी तरह के मिसाइल को निष्क्रिय करने में सक्षम है। डीआरडीओ द्वारा विकसित यह बीएमडी सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइल को इंटरसेप्ट कर उसे तबाह करने में पूरी तरह से सक्षम है. डीआरडीओ के पूर्व डायरेक्टर जनरल डॉक्टर वीके सारस्वत का कहना है कि स्वदेशी बीएमडी सिस्टम न्यूक्लियर और कन्वेंशनल (परंपरागत विस्फोटक) वॉरहेड के साथ आने वाली बैलिस्टिक मिसाइल को आसमान में ही ध्वस्त करने की क्षमता रखता है। इस ‘ब्रह्मास्त्र’ के चलते ही भारत न्यूक्लियर अटैक के ब्लैकमेल के दबाव में न आने की बात करता है। बीएमडी सिस्टम अल्ट्रा मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लैस है। स्वदेशी बीएमडी प्रणाली एग्जो-एटमॉसफेरिक (वायुमंडल से बाहर) और एंडो-एटमॉसफेरिक (वायुमंडल के अंदर) दोनों तरह के प्रोजेक्टाइल (यानी मिसाइल या अन्य अटैक वेपन) को तबाह करने में कैपेबल है। इसका मतलब यह हुआ कि बीएमडी सिस्टम हाई-अल्टीट्यूड वाली मिसाइल को निष्क्रिय कर सकता है। ऐसे में न्यूक्लियर रेडिएशन का खतरा भी काफी कम या न के बराबर होगा। भारत की रक्षा क्षमताओं से अवगत पाकिस्तान ब्रह्मोस मिसाइल के अटैक से घुटनों पर आ गया। 11 एयरबेस तबाह होने के बाद भी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ या फिर आर्मी चीफ आसिम मुनीर की ओर से परमाणु हमले की धमकी नहीं दी गई। नूर खान एयरबेस पर अटैक से घबराया पाकिस्तान सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाने लगा था। डीआरडीओ के पूर्व चीफ डॉ. सारस्वत ने इस बात पर जोर दिया कि यदि किसी परमाणु मिसाइल को उसके ट्रिगर मेकेनिज्म के सक्रिय होने से पहले ही रोक दिया जाए, तो इससे न्यूनतम खतरा पैदा होता है, क्योंकि ट्रिगर न किए गए न्यूक्लियर मैटिरियल कम रेडिएशन वाले किसी भी अन्य केमिकल की तरह ही व्यवहार करते हैं। भारत की मल्टी-लेयर बीएमडी प्रणाली में उन्नत निगरानी, ​​​​पूर्व चेतावनी के साथ ही कमांड एंड कंट्रोल की तकनीकें शामिल हैं। ये सभी स्वदेशी रूप से विकसित की गई हैं। ये सिस्टम फेज्ड ऐरे रडार और हाई-स्पीड इंटरसेप्टर से लैस हैं जो अत्यधिक तेज रफ्तारी वाली मिसाइल का पता लगाने, उसे ट्रैक करने और न्यूट्रलाइज यानी बेअसर करने में सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन और मिसाइल अटैक के दौरान भारत ने दुनिया को अपनी इस ताकत से अवगत कराया। वीरेंद्र/ईएमएस 05 जून 2025