अंतर्राष्ट्रीय
05-Jun-2025
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न्यूयॉर्क,(ईएमएस)। पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएसी) की तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। तालिबान प्रतिबंध समिति को 1988 समिति के तौर पर भी जाना जाता है। गुयाना और रूस इस समिति के उपाध्यक्ष के तौर पर काम करने वाले है। यह समिति उन व्यक्तियों, समूहों और संस्थाओं की आर्थिक संपत्ति फ्रीज करने, यात्रा और हथियारों पर प्रतिबंध लगाने जैसे फैसले लेती है, जो अफगानिस्तान की शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए खतरा माने जाते हैं। पाकिस्तान अब तालिबान प्रतिबंध समिति से जुड़ी बैठकों की अध्यक्षता करेगा, सिफारिशें तैयार करेगा और सदस्यों के बीच सहमति बनाने में मदद करेगा। तालिबान प्रतिबंध समिति पहले आईएसआईएल और अल-कायदा से जुड़े आतंकियों की निगरानी करती थी। बाद में यूएनएसी के प्रस्ताव 1988 के तहत 2011 में फिर से अलग तौर पर संगठित किया गया, ताकि तालिबान पर फोकस किया जा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान को तालिबान पर प्रतिबंध लगाने वाली समिति की कमान मिलने के बाद अगर वह तालिबान के खिलाफ सख्त एक्शन लेता है, तब इससे उसके संबंधों पर असर पड़ सकता है। पाकिस्तान को यह जिम्मेदारी तब मिली है, जब वह तालिबान से संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है। पिछले महीने ही चीन के जरिए तालिबान और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई थी। इसके अलावा पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी समिति (1373 काउंटर टेररिज्म कमेटी) का उपाध्यक्ष बनाया गया है। अल्जीरिया को आतंकवाद रोधी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। फ्रांस और रूस को पाकिस्तान के साथ कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया गया है। आतंकवाद रोधी समिति के पास खुद से सजा देने या कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है, लेकिन यह सदस्य देशों की गतिविधियों की निगरानी करती है और उन्हें सुझाव देती है कि वे आतंकवाद के खिलाफ क्या कदम उठाएं। समिति की अध्यक्षता हर साल बदलती है और यह भूमिका किसी सदस्य देश को दी जाती है। 2025 में समिति की अध्यक्षता अल्जीरिया को मिली है, जबकि पाकिस्तान सहित 3 देशों को उपाध्यक्ष बनाया गया है। भारत ने 2022 में इस समिति की अध्यक्षता की थी। यह अध्यक्षता भारत को 2021-2022 के लिए अस्थायी सदस्य चुने जाने के बाद मिली थी। तालिबान प्रतिबंध समिति और आतंक रोधी समिति दोनों ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की समितियां हैं, लेकिन इनके काम और दायरे अलग-अलग हैं। आतंक रोधी समिति पूरी दुनिया में आतंकवाद से लड़ने में मदद करती है। वहीं, तालिबान प्रतिबंध समिति का काम अफगानिस्तान की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकियों पर प्रतिबंध लगाना है। भारत बार-बार यह मुद्दा उठाता रहा है कि पाकिस्तान यूनाइटेड नेशन के नामित आतंकवादियों और आतंकी संगठनों को सबसे अधिक संख्या में पनाह देता है। आशीष दुबे / 05 जून 2025