राज्य
05-Jun-2025


स्टाफ की कमी से प्राइवेट वार्ड के संचालन में आ रही अड़चन छिंदवाड़ा (ईएमएस)। जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज की नई इमारत बनने के साथ ही गेट नंबर एक पुरानी ट्रामा यूनिट के पीछे 50 बेड का प्राइवेट वार्ड बनाया गया जो सात वर्ष बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं हो पाया है और यह वार्ड पिछले कई वर्षों से ताले में कैद है। इसके कारण जिला अस्पताल आने वाले मरीजों को मेडिकल अस्पताल में बनाए गए इन प्रायवेट वार्डों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। तालों में कैद इन वार्डों को अब तक शुरू नहीं करने के पीछे अस्पताल प्रबंधन स्टॉफ का रोना रो रहा है। वहीं मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने भी स्टाफ भर्ती की अनुमति नहीं मिलने व स्टाफ की कमी के कारण असमर्थता जताई है। वे भी चाहते हैं कि उन्हें प्रायवेट वार्ड के लिए पर्याप्त स्टाफ की उपलब्धता हो और जिला अस्पताल की आय भी बढ़े, लेकिन स्टॉफ न होने से इन्हें शुरू कराने में फिलहाल दिक्कत हैं। प्रबंधन का मानना है कि जब तक कर्मचारी उपलब्ध नहीं होंगे इन वार्डों का खुलना मुश्किल है। मेडिकल अस्पताल में अब तक प्रायवेट वार्ड शुरू नहीं किए जाने को लेकर मरीज और उनके परिजनों में खासी नाराजगी है। उनका कहना है कि करोड़ों रूपए की लागत से बनाए गए मेडिकल अस्पताल में प्रायवेट वार्ड होने के बावजूद उन्हें इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है। यही वजह है कि मरीजों सरकारी अस्पताल की बजाए निजी अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे है और ये निजी अस्पताल उनसे प्रायवेट वार्ड का मनमाना दाम भी वसूल रहे हैं, जबकि सरकार की मंशा थी कि जिला अस्पताल आने वाले मरीजों को इसी अस्पताल में प्रायवेट अस्पताल जैसी सुविधा मिले और अस्पताल प्रशासन को भी आय हो सके लेकिन सरकार की इस मंशा पर मेडिकल अस्पताल प्रबंधन ने पानी फेर दिया। प्रायवेट वार्ड बनें, लेकिन भर्ती में दिक्कत जिला अस्पताल आने वाले मरीजों के लिए बनाए गए प्रायवेट वार्ड इन दिनों शोभा की सुपारी बनकर रह गए हैं, जबकि जिला अस्पताल में भर्ती कई मरीजों को प्राइवेट वार्ड के रूम की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन रूम उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीज प्राइवेट अस्पताल का रुख करते हैं। मरीजों के परिजनों का कहना है कि उन्होंने जब प्रायवेट वार्ड की मांग रखी तो उन्हें प्राइवेट वार्ड में भर्ती करने से मना किया जा रहा है जब इस संबंध में उन्होंने ओपीडी में बात की तो वहां के कर्मचारियों का कहना था कि चिकित्सक तीसरी मंजिल पर नहीं जाते, इसलिए जनरल वार्ड में भर्ती हो जाएं। तीन शिफ्टों के लिए लगेगा स्टॉफ अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इस 50 बेड के प्राइवेट वार्ड में अलग-अलग कमरे हैं। ऐसे में वार्ड में डॉक्टरों की उपलब्धता नर्सिंग स्टाफ के साथ ही सुरक्षा, सफाई व अन्य कर्मियों की तीन शिफ्ट के लिए जरूरत होगी। डॉक्टर की उपलब्धता तो मौजूदा डॉक्टरों से हो जाएगी, लेकिन अलग से कर्मचारी अति आवश्यक हैं। जानकारों की मानें तो जब तक अतिरिक्त स्टाफ नहीं मिलेगा, तब तक प्रबंधन प्राइवेट वार्ड शुरू करने का फैसला नहीं लेगा। पूर्व में प्राइवेट वार्ड को कोरोना के लिए आरक्षित कर दिया गया था, लेकिन कोरोना को तीन वर्ष बीत जाने के बाद आज तक वार्ड में ताला लटका हुआ है। इनका कहना है प्राइवेट वार्ड शुरू करने के लिए स्टाफ की आवश्यकता होगी। मेडिकल कॉलेज डीन से पत्राचार किया गया है। डॉ हर्षवर्धन कुड़ापे, आरएमओ, जिला अस्पताल छिंदवाड़ा प्राइवेट वार्ड शुरू करने के लिए स्टाफ की आवस्यकता पड़ेगी। नई भर्ती की प्रकिया भी होती थी, जो नहीं हो पाई है। यह सुविधा शुरू करने लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। डॉ विपिन जैन, प्रभारी मेडिकल वार्ड ईएमएस/मोहने/ 05 जून 2025