इस्लामाबाद(ईएमएस)। इस वक्त पाकिस्तान अपने मित्र चीन की जमकर खिदमद कर रहा है। पाकिस्तान में गधों की आबादी में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जो अब 60 लाख 47 हजार तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा पिछले साल 59.38 लाख था। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (पीबीएस) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में गधों की संख्या में 1 लाख 9 हजार का इजाफा हुआ है। गधों की यह बढ़ती संख्या चीन में इसकी खाल और मांस की बढ़ती मांग से जुड़ी बताई जा रही है। चीन में गधों की खाल से ई-जियाओ नामक पारंपरिक औषधीय जिलेटिन बनाया जाता है, जिसकी मांग लगातार बढ़ रही है। गधों की बढ़ती संख्या के पीछे चीन में ई-जियाओ के लिए गधों की खाल की जबरदस्त मांग एक बड़ी वजह है। ‘ई-जियाओ’पारंपरिक चीनी चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाला जिलेटिन होता है, जिसे गधों की खाल से तैयार किया जाता है। इस पारंपरिक औषधि का उपयोग ब्लड सर्कुलेशन, इम्युनिटी बढ़ाने और कैंसर की रोकथाम जैसे दावों के साथ किया जाता है। ब्रिटिश पशु कल्याण संस्था ‘द डंकी सैंक्चुअरी’की फरवरी में जारी रिपोर्ट के अनुसार, ई-जियाओ उद्योग को हर साल करीब 59 लाख गधों की खाल की जरूरत होती है। चीन के शेडोंग प्रांत में ई-जियाओ का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है और इसे वहां की राष्ट्रीय सांस्कृतिक धरोहर माना जाता है। हालांकि चीन की अपनी गधों की आबादी 1990 में 5.6 करोड़ से घटकर 2022 में मात्र 86 लाख रह गई है, जिसके चलते वह पाकिस्तान और अफ्रीकी देशों जैसे आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर हो गया है। पाकिस्तान ने इस अवसर को भुनाने के लिए ग्वादर में देश का पहला स्लॉटरहाउस (बूचड़खाना) शुरू किया है, जो चीन की कंपनी हांगेंग ट्रेड कंपनी द्वारा संचालित है। यह चीन में गधे के मांस, हड्डियों और खाल की बढ़ती मांग को पूरा करेगा। इसके अलावा, पाकिस्तान और चीन के बीच गधों की खाल और हड्डियों के निर्यात के लिए समझौता हुआ है, जिससे स्थानीय बाजार पर असर पड़े बिना विदेशी मुद्रा अर्जित करने की उम्मीद है। पिछले वर्षों में इन वस्तुओं के निर्यात में देरी हो रही थी, क्योंकि जरूरी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी नहीं हुई थीं। वीरेंद्र/ईएमएस 06 जून 2025