06-Jun-2025


पुणे, (ईएमएस)। देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली जेईई एडवांस 2025 के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। इसमें राजस्थान के कोटा के छात्र रजित गुप्ता ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर पूरे देश में शीर्ष स्थान हासिल किया है। वहीं महाराष्ट्र के पुणे जिले के जुन्नर में होमगार्ड के रूप में काम करने वाले मुराद अब्बास के बेटे मोहम्मद अय्यूब ने कठिन परिस्थितियों में पढ़ाई कर देश में पीडब्ल्यूएस श्रेणी में 32वीं रैंक हासिल कर सफलता हासिल की है। अय्यूब सैयद जेईई एडवांस में यह सफलता हासिल करने वाले जुन्नर तालुका के पहले छात्र हैं। उनकी सफलता की हर जगह सराहना हो रही है। जुन्नर तालुका के सैयद वाडा में इलेक्ट्रीशियन और होमगार्ड के रूप में काम करने वाले मुराद अब्बास ने अपने बेटे को पढ़ाया। कहते हैं दृढ़ संकल्प, लगन और कड़ी मेहनत से कुछ भी संभव है और इसे संभव करने का काम अय्यूब ने किया है। उन्होंने जेईई एडवांस्ड 2025 में पीडब्ल्यूएस कैटेगरी में देश में 32वीं रैंक हासिल की है। अयूब मूल रूप से जुन्नर के सैय्यद वाडा के रहने वाले हैं। उन्होंने जुन्नर के शंकरराव बुट्टे पाटिल विद्यालय में कक्षा 10 तक पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने शिव छत्रपति महाविद्यालय में कक्षा 11 और 12 की पढ़ाई की। कक्षा 10 के बाद उन्होंने जेईई की तैयारी शुरू कर दी। शिक्षा के प्रति उनके जुनून को देखते हुए, जब उनका परिवार गरीब था, तब कई संस्थानों और संगठनों ने उनकी जेईई के लिए मदद की और अयूब ने अपने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल की। इस बारे में अयूब ने कहा, मुझे बचपन से ही शिक्षा का शौक था। मैंने जुन्नर के शंकरराव बुट्टे पाटिल विद्यालय में पढ़ाई की। 10वीं के बाद मैं इंजीनियरिंग के लिए आईआईटी में दाखिला लेना चाहता था और मैंने इसकी तैयारी शुरू कर दी। इसके लिए कई लोगों ने मुझे जेईई की परीक्षा देने में मदद की। मेरे पिता होमगार्ड में इलेक्ट्रीशियन के रूप में काम करते हैं। उन्होंने मेरी शिक्षा की जिम्मेदारी भी ली। मुझे एहसास हुआ कि मुझे कुछ करना है और मैंने पढ़ाई शुरू कर दी। आज मुझे जो भी सफलता मिली है, वह मेरे पिता की वजह से है। इसका श्रेय मैं अपने परिवार को देता हूं। अब मेरा एक ही सपना है कि मैं आईआईटी मुंबई में पढ़कर बहुत बड़ा बनूं। उनके पिता मुराद अब्बास ने कहा, मेरे बेटे ने आज इतनी कठिन यात्रा में जो भी सफलता हासिल की है, वह उसकी सफलता है। वह आगे जो भी करना चाहता है, मैं निश्चित रूप से उसके लिए अपना जीवन बलिदान कर दूंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि उसे भविष्य में अच्छी शिक्षा मिले। बहरहाल अयूब की सफलता की हर जगह सराहना हो रही है। जतिन/संतोष झा- ०६ जून/२०२५/ईएमएस