राष्ट्रीय
06-Jun-2025


नई दिल्ली(ईएमएस) भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा? इस सवाल पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। कई नामों की चर्चा हो रही है। हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर संगठन चुनाव को लेकर पार्टी की तरफ से कुछ भी नई जानकारी नहीं दी गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए जिन दिग्गज नेताओं के नाम चर्चा में हैं, उनमें धर्मेंद्र प्रधान (केंद्रीय मंत्री), शिवराज सिंह चौहान (कैबिनेट मंत्री), मनोहर लाल खट्टर (कैबिनेट मंत्री) जैसे दिग्गज शामिल हैं। इनमें से कुछ नाम संगठनात्मक अनुभव के आधार पर मजबूत माने जा रहे हैं, तो कुछ नाम राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखकर सामने आए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष से पहले भाजपा को कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष भी चुनना है। उत्तराखंड में एक ब्राह्मण चेहरा सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश में पहले ब्राह्मण उम्मीदवार पर विचार किया जा रहा था, लेकिन अब पिछड़े वर्ग से अध्यक्ष बनाने की मांग तेज हो गई है। मध्य प्रदेश में अब तक का फार्मूला था – मुख्यमंत्री ओबीसी और प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण, लेकिन अब पार्टी जनजातीय नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है क्योंकि वर्तमान में कोई आदिवासी प्रतिनिधित्व नहीं है। बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए आधे से अधिक राज्यों में संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरी होना अनिवार्य है। सूत्रों के अनुसार, अधिकांश राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में भी जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी गई थी। इसके बाद उम्मीद जगी की जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी चुनाव संपन्न हो जाएगा। लेकिन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इसे फिर से टाल दिया गया। संगठनात्मक पुनर्गठन की कवायद अब जोर पकड़ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जिनका कार्यकाल पहले ही लोकसभा चुनाव तक बढ़ाया जा चुका है। नड्डा जनवरी 2020 में अध्यक्ष बने थे और 2023 में उनका कार्यकाल 2024 के आम चुनाव तक बढ़ाया गया था। अब जबकि लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं, पार्टी नेतृत्व में बदलाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।सूत्रों के अनुसार, बीजेपी जून के दूसरे सप्ताह में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकती है। इसके तहत सबसे पहले राज्य स्तर पर संगठनात्मक चुनाव कराए जाएंगे और उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर अध्यक्ष का चुनाव होगा। यह पूरी प्रक्रिया पार्टी के संविधान के अनुसार होगी, जिसमें नामांकन, छंटनी और मतदान जैसे चरण शामिल होंगे। चुनाव की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक केंद्रीय चुनाव समिति गठित की जाएगी, जो इस प्रक्रिया की निगरानी करेगी। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि जे. पी. नड्डा दोबारा चुनाव लड़ेंगे या कोई नया चेहरा सामने आएगा, लेकिन पार्टी के भीतर और बाहर दोनों ही स्तर पर उत्सुकता चरम पर है।बीजेपी का नया अध्यक्ष 2026 के विधानसभा चुनावों और 2029 के आम चुनावों के लिए रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। ऐसे में यह चुनाव सिर्फ संगठनात्मक परिवर्तन नहीं बल्कि पार्टी की भविष्य की दिशा और प्राथमिकताओं को भी तय करेगा।बीजेपी के नए अध्यक्ष के चुनाव पर सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता ही नहीं, बल्कि अन्य राजनीतिक दलों की भी पैनी नजर बनी हुई है, क्योंकि इससे पार्टी की नीतियों, संगठनात्मक प्राथमिकताओं और रणनीतियों पर बड़ा असर पड़ेगा। वीरेंद्र/ईएमएस/06जून2025