06-Jun-2025
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* लगभग 1100 शासकीय और अर्द्धशासकीय कार्यालयों में लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर कोरबा (ईएमएस) कोरबा जिले के लगभग 50 फीसदी घरेलू कनेक्शनों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा हो गया है। अब लगभग 1100 शासकीय और अर्द्धशासकीय कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसके लिए आदेश प्राप्त हो चुका है। स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। अब विद्युत वितरण कंपनी ने अगले चरण में 1100 से अधिक शासकीय और अर्द्धशासकीय कार्यालयों के बिजली कनेक्शन से जोडने की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि बकाया बिजली बिल को लेकर निर्णय नहीं लिया गया है। विद्युत वितरण विभाग के शहरी क्षेत्र में लगभग 1500 से अधिक ट्रांसफार्मरों के माध्यम से 85 हजार से अधिक उपभोक्ताओं ने विद्युत कनेक्शन दिया गया है। सभी कनेक्शन को स्मार्ट मीटर से जोडने का काम जमीनी स्तर पर शुरू हो चुका है। बताया जा रहा है कि अब तक 50 फीसदी से अधिक घरेलू कनेक्शनों में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। छूटे हुए घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। अब अगले चरण में शासकीय, अर्द्धशासकीय कार्यालयों में लगाए गए बिजली मीटर के कनेक्शनों को भी स्मार्ट मीटर से जोडने की है। इसके लिए विद्युत वितरण कंपनी ने प्रक्रिया पूरी कर ली है। विभाग ने 1100 शासकीय और अर्द्धशासकीय कार्यालयों में लगाए गए कनेक्शन का चिन्हांकन किया है। इसके साथ ही शासकीय कार्यालयों में भी स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। गौरतलब है कि इसके लिए विद्युत वितरण कंपनी ने एक निजी ठेका कंपनी को काम सौंपा है। कंपनी के कर्मचारी कार्यालय पहुंचकर पुराना बिजली मीटर हटाएंगे और नए यानी स्मार्ट मीटर लगाकर बीपी नंबर के माध्यम से मीटर को अपडेट किया जाएगा। बताया जा रहा है कि बकायादारों की सूची में कई शासकीय और अर्द्ध शासकीय कार्यालय भी शामिल हैं। स्मार्ट मीटर लगाने के बाद प्री-पेड की व्यवस्था प्रारंभ हो जाएगी। हालांकि यह व्यवस्था कब से प्रारंभ होगी। इसे लेकर अभी विभाग ने स्पष्ट नहीं किया है। गौरतलब है कि प्री-पेड की व्यवस्था प्रारंभ होने के बाद मोबाइल की तरह ही उपयोग करने से पहले मीटर को रिचार्ज करना होगा। रिचार्ज समाप्त होने के साथ ही बिजली बंद हो जाएगी। इससे विद्युत वितरण विभाग पर बकायादारों के विद्युत कनेक्शनधारियों व उपभोक्ताओं की संख्या कम होगी। जिले में कई उपभोक्ता ऐसे हैं, जो एक से दो साल बाद भी बिजली का भुगतान नहीं कर रहे हैं। जबकि बिजली उपयोग लगातार कर रहे हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए विद्युत कंपनी ने यह कदम उठाया है। 06 जून / मित्तल