नई दिल्ली (ईएमएस)। कुर्बानी के त्यौहार बकरीद की तैयारियां तेज है। बकरों की खरीद की जा रही है। इस बीच, इमामों ने मुस्लिम समाज से धार्मिक सौहार्द का ख्याल रखने की अपील की है। उनके अनुसार, कुर्बानी की प्रक्रिया घरों के भीतर तथा निर्धारित स्थानों पर किया जाए। खून और मांस खुले में न फेंका जाए। साथ ही कुर्बानी का वीडियो व फोटो इंटरनेट मीडिया पर साझा न की जाए। इसी तरह, प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न दी जाए। इस मामले में पुलिस व प्रशासन का पूरा सहयोग किया जाए। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के चीफ इमाम डा. उमेर अहमद इलियासी ने कहा कि सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि यह बकरे का ईद नहीं है, इसका नाम ईद-उल-अजहा है। यह त्यौहार समर्पण, अज्ञाकारिता और बलिदान का है। उन्हाेंने कहा कि भारत पंथनिरपेक्ष देश है। ऐसे में हमें सभी का सम्मान करना है। मुसलमानों से आग्रह है कि वह उसी जानवर की कुर्बानी करें, जिसकी इजाजत दी गई है। हर जगह जानवरों को नहीं काटा जा सकता है। निश्चित की गई जगहों पर जाकर ही कुर्बानी करें। इसी तरह, जामा मस्जिद के नायब शाही इमाम शाबान बुखारी ने जारी अपील में कहा कि खुले स्थान या सड़कों पर कुर्बानी न दें। बल्कि घरों में या निर्धारित स्थानों पर करें। साथ ही कुर्बानी के बाद सफाई निश्चित करें। इसी तरह का संदेश अन्य इमामों ने भी दिया है। अजीत झा /देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/06/जून/2025