नई दिल्ली (ईएमएस)। लेग स्पिनर पीयूष चावला ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया है। इसी के साथ ही पीयूष का दो दशक तक चला करियर समाप्त हो गया है। पीयूष ने सोशल मीडिया के जरिये अपने संन्यास की जानकारी साझा की है। इस क्रिकेटर ने सोशल मीडिया में लिखा, दो दशक से ज्यादा समय तक मैदान पर रहने के बाद अब समय आ गया है कि मैं इस खूबसूरत खेल को विराम दूं। साथ ही कहा कि, 2007 टी20 विश्व कप और 2011 एकदिवसीय विश्वकप की विजेता टीम का हिस्सा रहना उनके लिए गर्व की बात रही है और ये यादें हमेशा उनके दिल में बनी रहेंगी। उन्होंने कहा कि आईपीएल उनके करियर का एक अहम हिस्सा रहा है। साथ ही कहा, मैं उन सभी फ्रेंचाइजियों का दिल से आभारी हूं जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया। पंजाब किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस की ओर से आईपीएल में खेले हर पल का मैंने आनंद लिया है। आईपीएल में चावला का करियर बेहद सफल रहा। उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ 2012 और 2014 में दो बार खिताब जीता। उन्होंने आईपीएल में कुल 192 विकेट लिए और वह सुनील नरेन के साथ संयुक्त रूप से तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे हैं। अपने कोचों और परिवार को याद करते हुए इस क्रिकेटर ने लिखा, मैं अपने कोचों ( के.के. गौतम और स्वर्गीय श्री पंकज सरस्वत) के प्रति गहरा आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने मुझे यहां तक पहुंचने के काबिल बनाया।साथ ही उन्होंने अपने परिवार को अपनी ताकत बताया और अपने दिवंगत पिता को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, उनका मुझ पर विश्वास ही वह रौशनी थी जिसने मुझे राह दिखाई। उनके बिना यह यात्रा संभव नहीं हो पाती। चावला ने अपने करियर को याद करते हुए कहा, मैंने लगभग 20 साल क्रिकेट को दिए हैं। यह एक लंबा और यादगार सफर रहा है। ऊपर वाले की कृपा रही कि मैं इतने लंबे वक्त तक क्रिकेट खेल सका। यह सफर कभी बेहद चुनौतीपूर्ण रहा, तो कभी बेहद सुकून देने वाला पर इसके हर पल ने मुझे बहुत कुछ सिखाया और बहुत कुछ दिया। ये वो यादें हैं जो हमेशा ही मेरे साथ बनी रहेंगी। वहीं अपने संन्यास के फैसले को लेकर उन्होंने आगे कहा, मुझे हमेशा से लगता रहा है कि हर चीज का एक सही समय होता है। और आज वही पल है, जब मुझे लगा कि ये फैसला लेना चाहिए। पीयूष ने अपने करियर के दौरान भारतीय टीम की ओर से 3 टेस्ट, 25 एकदिवसीय और 7 टी20 मुकाबले खेले है। इस दौरान उन्होंने कुल 43 विकेट लिए हैं। वह साल 2011 में विश्व कप विजेता भारतीय टीम में शामिल रहे थे। भारतीय टीम की ओर से उनका अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला एक टी20 मुकाबला रहा है। वहीं घरेलू क्रिकेट में भी इस क्रिकेटर रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है। उन्होंने 137 प्रथम श्रेणी मैचों में 446 विकेट लेने के साथ ही अच्छी बल्लेबाज करते हुए छह शतकों के साथ ही 5486 रन बनाए। गिरजा/ईएमएस 06जून 2025