लेख
07-Jun-2025
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आज जिस तरह की घटना घट रही है और अजब गजब का खबर सुनने क़ो मिलता है जो किसी के दुनिया से माया मैं फंस कर विचार मैं समय की बर्बादी जैसे सवाल और आपदा होती है तो दुःख होता है इससे भगवान श्री राम से शिक्षा लेने की जरुरत है चले प्रभु राम क़ो क्या होगा क्या करना है ऐ उन्हें मालूम था क्योंकि वो साक्षात ईश्वर हैं बस ऐ वो दिखाना चाहते थे कि अहंकार मत करो और पराई स्त्री पर कभी ऐ मत सोच लेना की ताकत के दम पर कहीं भी हर कर ले जा सकते हैँ और नारी अबला नहीं है वो देवी है माता सीता क़ो रावण कुछ कर नहीं पाया क्योंकि वो शरीर से अलग जरूर माता सीता भगवान राम से दूर धोखे से अपहरण का शिकार हुई लेकिन उनके आत्मा में प्रभु राम थे जो उसे रक्षा प्रदान कर रहे थे भगवान श्री राम ने काँटों से फूल बनाना सिखाया है और धर्म के रास्ते, जात पात से परे प्रेम से मिलकर रहना शिखाया है और सत्य के लिए लड़ना भी सिखाया है तुलसीदासजी कहते हैँ भजमन राम चरण सुखदाई, यानी राम के चरणों में ही सच्चा सुख है और सुःख सच्चे मायने में वहीं है जिसमे अपार प्रेम की भावना हो ऐ चरण के स्पर्श से अहिल्या पत्थर से पुनः जी उठी और राम केवट संबाद में केवट भगवान श्री राम क़ो अपनी नाव में बैठने हेतु इसलिए इंकार करता है कि कहीं मेरी नाव भी अहिल्या की तरह जी ना उठे और फिर मेरी जीविका कैसे चलेगी अतः उनके पाँव क़ो धो डालता है और वो भी अश्रु से ऐ है भगवान श्री राम के प्रति सच्ची आस्था जो इतिहास बन गई और जब उन्हें सरयू नदी के पार पहुंचा देता है तो सीता माता अपने सोने की अंगूठी दे देती है और राम उसे भावसागर पार करा देते हैं आज लोग क्रिकेट आईपीएल जो मनोरंजन के लिए बना है पता नहीं क्यों इतना दिवाना हो गए हैँ कि अपने जान क़ो मामूली सी जीत के पीछे इतना दीवाना हो गए है कि भगदड़ से अपने जान गवां देते हैँ और यही चर्चा स्कूल कॉलेज अधिकतर ऑफिस में इस तरह चर्चा करते हैँ जैसे पहाड़ उठा लिया है मृतको के प्रति मेरी गहरी सम्वेदना है लेकिन इस पर विचार करें खेल का स्तर क्या है ऐ इंडिया में ही कुछ अपने शहर के नाम से टीम है जो फेंटासी लिग मैच है जो मनोरंजन के लिए है इसमें हारने और जितने से देश क़ो कुछ नहीं होने बाला है मनोरंजन की तरह देखना चाहिए आधे खिलाड़ियों जो टीम के लिए खेलते हैँ कभी एक टीम में रहते फिर बोली लगती है और दूसरे टीम में चले जाते हैं क्या यह क़ोई पहाड़ उठाने जैसा नहीं है मीडिया इसे इतना बढ़ा चढ़ा कर दिखाती है कि लोग इसके पीछे पागल हो जाती है और तो और उसमें राजनेता भी शामिल हो जाते हैं जबकी बहुत से खिलाड़ी विदेश से भी हैं जो किसी टीम के साथ खेलते हैँ बंगलौर जीते या पंजाब सब तो भारत की ही टीम है पैसा मीडिया खिलाड़ी कमा रहें हैँ और जान आप गवां रहें है पंजाब हार कर भी जीत गया क्योंकि अंत तक लड़ता रहा और बस 1सिक्स जो बाउंड्री की ओर थी उसे लपक लिया अतः सयम और धैर्य से काम ले इसे मनोरंजन की भावना से देखना चाहिए क्योंकि उसलिए ऐ हॉटस्टार पर आता है जिसको देखने के लिए पैसा देना पड़ता है और बच्चों में एक जोश देखा गया है ऐ भी सही है लेकिन हार या जीत पर खुश या उदास होना सही नहीं है ऐ सच है कि आईपीएल से नए खिलाड़ियों क़ो एक पहचान मिली है लेकिन उसके पीछे दीवाना होना दिमाग़ क़ो ख़राब और हारने पर मायूस होना ठीक नहीं है क्योंकि इससे आपको मन ही मन लगेगा अगर कैच छूट जाता तो वो जीत जाता और पढ़ाई पर बुरा असर डालती है मीडिया काल तक इसी पर खुब दिखाता रहा लेकिन कब भगदड़ हुई और प्रशासन क्या कर रहा था इसओर किसी की भी नजर नहीं गई अब जब हादसा हो गया है तो जिम्मेदार कौन है इसपर सबाल हो रहा है भगदड़ सिर्फ मैच में होता है ऐसा भी नहीं है ऐ किसी भी आयोजन पर हो सकता है इसलिए मीडिया क़ो भी जिसे तबज्जू उतना देना सही नहीं है क्योंकि इससे लोग जुटने लगते हैँ और जब भीड़ बढ़ते जाती है तो किसी क़ो काबू करना मुश्किल हो जाता है भीड़ एक ऐसा समूह है कि वो एक समय के बाद नियंत्रण में नहीं रहता है इसमें दूसरे देशों में कितनी सरकारी का तख्ता पलट गया अतः किसी भी आयोजन के लिए भीड़ क़ो नियंत्रण करने का सबसे अच्छा तरीका है मीडिया में उसे ज्यादा बढ़ा चढ़ा कर न दिखाया जाए और राज्य सरकारी क़ो ऐसी हालत पर किसी भी भव्य समारोह पर एंट्री और एग्जिट क़ो ज्यादा से ज्यादा खोलना और कभी किसी जगह पर एक जगह पर लोगो क़ो इकठ्ठा होने से रोकना चाहिए और आपदा प्रबंधन क़ो सही से लागू की जाए नियम का सही से पालन हो लोगों की जान की कीमत है क्योंकि वो बापस नहीं आ सकता लेकिन आईपीएल तो कभी भी चालू या बन्द होता रहता है जैसे की ऑपरेशन सिंदूर पर बीच में स्थगित किया गया था मीडिया बार बार उसी पर चर्चा कर अभी तक कर रही है ऐ भारतीय सेना की कामयाबी है और कामयाब बनने के लिए देश के लिए खोना भी पड़ता है जब एक छोटे से देश यूक्रेन ने रूस क़ो करीब 3साल तक उलझा कर रखा है तो ऐसा कहना सही नहीं होगा कि क़ोई भी देश चाहे छोटा हो या बड़ा नुकसान दोनों तरफ से होता है ऐ सेनाओं का अपने देश के प्रति समर्पण है अब भगवान श्री राम से शिक्षा लेने की जरुरत है शांति की आवश्यकता है देश क़ो टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ने की ओर सभी अपना योगदान दे और सही खबर यदि देशहित में नहीं है तो मीडिया में उसे ज्यादा महत्व देने की जरुरत नहीं है सत्य यह है कि जब तक हम जीवन को भगवान श्री राम की दृष्टि से देखेंगे, तब तक त्याग में खुशी जैसा लगेगा अतः जीवन को सत्य की भांति देखें, तब त्याग फल मिलेगा। त्याग वह दीप है जिसमें आत्मा का घृत जलता है, और फिर प्रकाश फैलता है। यही आह्वान है जिसके हर विसर्जन में ब्रह्म की गूंज है। जीवन उसी का स्वर है, जो स्वयं को नितांत मौन में विसर्जित करता है। इस दुःखद समय मैं भगवान श्री राम ही आपके साथ आपके दुःख की घड़ी में हमेशा साथ रहता है और उस ईश्वर सबसे बड़ा न्यायकारी है और सबों से प्रेम करता है लेकिन माया के जाल में इस तरह बंध गए हैं कि हम पहचान भी खोते जा रहें हैं एकबार भगवान श्री राम क़ो पुकार कर तो देखो भगवान श्री राम ईश्वर का साक्षात रूप हैँ और आज भी हैँ और अनन्त काल तक रहेंगे मुझे स्व डॉ कुणान किशोर, महावीर मंदिर, पटना के संथापक व पूर्व आईपीएस अधिकारी ने भगवान राम के बारे में जो बताया और राम मंदिर निर्माण में राम मंदिर हेतु कोर्ट के सामने जो साक्ष्य प्रस्तुत किये मैं दंग रह गया कि एक पूर्व आईपीएस अधिकारी जिसे समाज मैं सबकुछ मिलता है वो भगवान श्री राम के प्रति कितना आकर्षित है आज वो इस दुनिया मैं तो नहीं है लेकिन आज भी अयोध्या में उनके द्वारा स्थापित की गई राम रसोई चल रहा है अतः भगवान श्री राम ईश्वर का साक्षात् रूप है। (यह लेखक के व्य‎‎‎क्तिगत ‎विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अ‎निवार्य नहीं है) .../ 07 जून /2025