मदिरा दुकानों में नियमों का नहीं किया जाता है पालन बालाघाट (ईएमएस). आबकारी विभाग ने 8 दुकानों से शराब की खरीदी करवाई, जिसमें केवल एक दुकान से ही अधिक दाम पर मदिरा बेचते हुए पाया गया। आबकारी विभाग ने भले ही प्रकरण दर्ज कर मामले को कार्यवाही में लिया है। लेकिन यह केवल कार्यवाही के नाम पर औपचारिकता निभाई जा रही है। जबकि जिले में देशी-विदेशी मदिरा दुकानों में न तो नियमों का पालन किया जाता है और न ही निर्धारित दामों पर शराब की बिक्री की जाती है। शराब ठेकेदार विभागीय अधिकारियों के संरक्षण में मनमाने दाम पर मदिरा की बिक्री करते हैं। इसकी जानकारी विभाग को भी है, लेकिन कोई इसे गंभीरता से नहीं लेता है और न ही ठोस कार्यवाही करता है। इधर, शनिवार को कलेक्टर मृणाल मीना ने जिले में एमएसपी से कम एवं एमआरपी से अधिक पर मदिरा विक्रय करने वाले वृत्त प्रभारियों पर दंडात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए है। शुक्रवार को आबकारी आयुक्त ग्वालियर द्वारा वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से ये निर्देशित किये गए है कि जिले में स्थित मदिरा दुकानों द्वारा न्यूनतम विक्रय मूल्य (एमएसपी) से कम एवं अधिकतम विक्रय मूल्य (एमआरपी) से अधिक मूल्य पर मदिरा विक्रय करने वालो के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सहायक आबकारी आयुक्त सुरेंद्र कुमार उरांव ने बताया कि शनिवार को जिले में संचालित 8 मदिरा दुकानों पर टेस्ट पर्चेस की कार्यवाही की गई। जिनमें एक मदिरा दुकान पर एमआरपी से अधिक मूल्य पर मदिरा विक्रय होना पाया गया। जिसमें विभागीय प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। इसके साथ ही सभी मदिरा दुकानों पर एमएसपी एवं एमआरपी की जानकारी देने वाला क्यूआर कोड भी चस्पा किया जा रहा है। विभागीय अधिकारी कॉल नहीं करते हैं रिसिव मदिरा की अधिक दाम या अवैध बिक्री की सूचना देने या शिकायत करने के लिए जब भी विभागीय अधिकारियों को उनके मोबाइल पर कॉल किया जाता है, जिसे वे रिसिव ही नहीं करते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि विभाग का शराब ठेकेदारों को खुला संरक्षण है। इतना ही नहीं शराब दुकानों पर बैठने वाले गद्दीदार भी खुलेआम लोगों से दुव्र्यवहार करते हैं। ताजा मामला चांगोटोला क्षेत्र से सामने आया था। बावजूद इसके इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई। भानेश साकुरे / 07 जून 2025