राष्ट्रीय
07-Jun-2025


- 12 जून को कांग्रेस निकालेगी मशाल मोर्चा, प्रदेश अध्यक्ष गढ़चिरौली में होंगे शामिल मुंबई, (ईएमएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में वोटों की चोरी करके भाजपा-युती सरकार सत्ता में आई है। अचानक बढ़ा हुआ मतदान पूरी तरह से अवैध और फर्जी था। कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की थी, लेकिन आज तक कोई जांच शुरू नहीं की गई। राहुल गांधी ने संसद के अंदर और बाहर बार-बार यह मुद्दा उठाया है। आज देश के प्रमुख अखबारों में इस विषय पर प्रकाशित उनके लेख ने सियासी भूचाल ला दिया है और चुनाव फिक्सिंग की स्वतंत्र जांच की मांग तेज हो गई है। यह बात महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कही। मुंबई के टिलक भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष सपकाल ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी ने वोटिंग घोटाले का मुद्दा आंकड़ों सहित उठाया है। यह केवल एक आरोप नहीं है, बल्कि तथ्यों और प्रमाणों के साथ रखी गई मांग है कि निष्पक्ष जांच हो। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में डेढ़ घंटे के भाषण में इस मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं कहा। यह लोकतंत्र के लिए अत्यंत गंभीर और चिंताजनक स्थिति है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के समक्ष यह विषय विस्तार से रखा, लेकिन आयोग ने स्थिति स्पष्ट करने और जनता के सामने सच्चाई लाने के बजाय चुप्पी साध ली। इतना ही नहीं, नियमों में बदलाव कर दिया गया है, जिसके अनुसार अब वीडियो रिकॉर्डिंग और सीसीटीवी फुटेज की जानकारी देना संभव नहीं होगा। यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है। अगर कुछ छिपाने जैसा नहीं है तो जानकारी को क्यों रोका जा रहा है? यही सबसे बड़ा सवाल है। हर्षवर्धन सपकाल ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि 2019 की लोकसभा चुनाव के बाद 2024 की लोकसभा चुनाव तक महाराष्ट्र में 5 वर्षों में 31 लाख मतदाता बढ़े थे। लेकिन 2024 की लोकसभा और उसी साल की विधानसभा चुनाव के बीच महज 5 महीनों में 41 लाख नए मतदाता जोड़ दिए गए! यही सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने मतदान प्रतिशत के आंकड़ों पर भी सवाल उठाए। 2004 में प्राथमिक मतदान 60 प्रतिशत था और अंतिम 59.5 प्रतिशत, 2014 में प्राथमिक 62 प्रतिशत और अंतिम 63 प्रतिशत, 2019 में प्राथमिक 60.46 प्रतिशत और अंतिम 61.10 प्रतिशत, लेकिन 2024 में प्राथमिक मतदान केवल 58.22 प्रतिशत होने के बावजूद अंतिम आंकड़ा 66.5 प्रतिशत घोषित किया गया- यानी करीब 8 प्रतिशत की वृद्धि। पहले की चार-पांच चुनावों में मतदान प्रतिशत में 1% से भी कम का अंतर होता था, फिर अब अचानक इतनी बड़ी छलांग कैसे? जब पूरा चुनाव प्रक्रिया आधुनिक तकनीक पर आधारित हो चुकी है, तब ऐसी गंभीर गड़बड़ी का जवाब चुनाव आयोग क्यों नहीं दे रहा? वोटों की चोरी का मामला यहीं खत्म नहीं होता। जो सवाल चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए, उसका जवाब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस क्यों दे रहे हैं? क्या अब चुनाव आयोग भाजपा के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहा है? हर्षवर्धन सपकाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अब इसी “महाराष्ट्र वोट चोरी पॅटर्न” को बिहार विधानसभा चुनाव, मुंबई महानगरपालिका चुनाव और राज्य की स्थानीय निकायों के चुनावों में दोहराने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता अब दांव पर लगी है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला है। इसलिए कांग्रेस पार्टी 12 जून को राज्य भर में मशाल मोर्चे निकालकर जनता को जागरूक करेगी। प्रदेशाध्यक्ष स्वयं गढ़चिरौली में आयोजित मोर्चे में भाग लेंगे। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश कांग्रेस के कार्याध्यक्ष और पूर्व विधायक कुणाल पाटील भी उपस्थित थे। संतोष झा- ०७ जून/२०२५/ईएमएस