नई दिल्ली (ईएमएस)। 11वें ब्रिक्स संसदीय फोरम के समापन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने अपने वक्तव्य में इस आयोजन की सफलता और सार्थकता पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाले देश की संसद, सरकार और जनता के प्रति आभार प्रकट किया। इस दौरान ब्रिक्स देशों के संसदों के बीच सहयोग बढ़ाने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जिम्मेदार उपयोग, और आर्थिक मामलों पर मिलकर काम करने के मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। सम्मेलन के अंत में एक संयुक्त संकल्प भी पारित किया गया, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की प्रतिबद्धता दोहराई गई। संकल्प में सभी ब्रिक्स देशों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। लोकसभा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस आह्वान की भी याद दिलाई, जिसमें उन्होंने वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के प्रति सख्त रुख अपनाने की बात कही थी। सम्मेलन में यह भी स्वीकार किया गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग आधुनिक समय की जरूरत है, लेकिन इसके इस्तेमाल में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना भी उतना ही जरूरी है। ब्रिक्स देशों ने इस विषय पर मिलकर काम करने की सहमति दी। इस बीच आर्थिक समावेशन, व्यापार विस्तार और आपसी आर्थिक सहयोग जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। भारत ने सम्मेलन में विधि के शासन, वैश्विक सहयोग और संवाद को हमेशा प्राथमिकता देने की बात दोहराई। लोकसभा अध्यक्ष ने जानकारी दी कि अगला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन भारत में होगा और भारत उसकी सफल और सार्थक मेजबानी सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि भारत अगले सम्मेलन का एजेंडा तैयार करेगा जिसमें एआई, व्यापार, समाज और आर्थिक मुद्दों पर गहन संवाद शामिल होगा। अपने समापन वक्तव्य में लोकसभा अध्यक्ष ने सभी ब्रिक्स देशों की संसदों के स्पीकर्स और प्रेसिडेंट्स को शुभकामनाएं दीं और कहा कि संसदीय संवाद, अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान ररक्षाके जरिए हम नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। सुबोध\०७\०६\२०२५
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