क्षेत्रीय
07-Jun-2025


खूंटी(ईएमएस)।जहां एक ओर नौ जून को भगवान बिरसा मुंडा की शहादत दिवस को लेकर देशभर के नेता, अधिकारी और श्रद्धालु उलिहातू गांव पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर स्वयं भगवान बिरसा मुंडा का पैतृक गांव उलिहातू और उसके आसपास के गांवों में भीषण पेयजल संकट गहराता जा रहा है। बाड़ीनिजकेल पंचायत के तुबिद, बेड़ाडीह, जोपनो, लेपसेर, सेल्दा, ग़सार, पीड़िटोली और कुईल जैसे गांवों में पानी की भारी किल्लत बनी हुई है। ग्रामीणों को पीने का पानी खरीदकर लाना पड़ रहा है।जोपनो गांव की स्थिति और भी भयावह है, जहां पूरी तरह पानी की आपूर्ति ठप है।भगवान बिरसा मुंडा के स्मृति स्थल बिरसा ओड़ा में वर्षों पूर्व सोलर जलमीनार लगाया गया था, लेकिन वह महीनों से खराब पड़ा है। जब श्रद्धालु और पर्यटक उलिहातू पहुंचते हैं, तो उन्हें हाथ-मुंह धोने तक केलिए पानी नहीं मिल पाता। श्रद्धांजलि स्थल पर सुविधाओं का अभाव,प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है।उलिहातू स्थित आवासीय विद्यालय में भी पीने, नहाने और साफ-सफाई के लिए गंभीर जल संकट बना हुआ है। विद्यालय परिसर के पास स्थित जलमीनार लंबे समय से खराब है। जलापूर्ति ठप होने से बच्चों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। छात्रों को बेहद कठिन हालात में पढ़ाई करनी पड़ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्ष पूर्व करोड़ों की लागत से हर घर नल से जल योजना शुरू की गई थी। लेकिन यह योजना आज तक अधूरी है। केवल 9 जून जैसे अवसरों पर, जब नेता और अधिकारी उलिहातू पहुंचते हैं, उस दिन अस्थायी रूप से जलापूर्ति की जाती है। उनके जाने के बाद फिर पानी बंद हो जाता है। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।भगवान बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा ने प्रशासन की सुस्ती पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जून बीत गया है, लेकिन अब तक कोई भी सरकारी अधिकारी तैयारियों का जायजा लेने नहीं पहुंचा है। उन्होंने बताया कि बिरसा ओड़ा की सफाई और पूजा की व्यवस्था भी वंशजों द्वारा की जा रही है।उन्होंने कहा कि यह शहीद के सम्मान के साथ अन्याय है। सरकार केवल बिरसा मुंडा के नाम पर योजनाएं घोषित करती है, लेकिन धरातल पर उन्हें सम्मान देने की जिम्मेदारी नहीं निभा रही। हर वर्ष 9 जून को हजारों लोग उलिहातू पहुंचते हैं। इस मौके पर सरकारी और गैर-सरकारी कार्यक्रम होते हैं। लेकिन इस बार अब तक कोई भी साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय या सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द गांव में पेयजल की स्थायी व्यवस्था की जाए और बिरसा मुंडा की स्मृति को सच्चा सम्मान दिया जाए। कर्मवीर सिंह/07जून/25