मॉस्को (ईएमएस)। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अब घातक होता जा रहा है। 6 जून की रात को रूस ने यूक्रेन पर एक बड़ा और जोरदार प्रहार किया। इस हमले में रूस ने 452 ड्रोन और 45 मिसाइलों का इस्तेमाल किया, इसमें राजधानी कीव, चेर्निहिव, लुत्स्क, ल्विव, सुमी, पोल्टावा और अन्य शहरों को निशाना बनाया गया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बताया कि हमले में 80 लोग घायल हुए और छह की जान गई है। जिसमें आपातकालीन कर्मचारी भी शामिल थे। रूस के हमले से पहले यूक्रेन ने रूस के सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला किया था। 6 जून की रात को यूक्रेन की सेना ने रूस के एंगेल्स और ड्यागिलेवो हवाई अड्डों को निशाना बनाया, जहां रूस के बमवर्षक विमान तैनात हैं। यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के सैन्य संसाधनों को कमजोर करने के लिए ये हमले किए ताकि रूस के हवाई हमले रोके जा सकें। वहीं रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसने यूक्रेन के 174 ड्रोन नष्ट किए और यह हमला यूक्रेन की ‘ऑपरेशन स्पाइडरवेब’ कार्रवाई का जवाब था। ऑपरेशन स्पाइडरवेब में यूक्रेन ने रूस के चार सैन्य हवाई अड्डों पर हमला कर 41 विमानों को नुकसान पहुंचाया था, इसमें रूस के भारी बमवर्षक और दुर्लभ ए-50 जासूसी विमान शामिल थे। रूस ने कहा कि उसका हमला ‘लक्ष्य हासिल करने’ में सफल रहा, लेकिन यूक्रेन का कहना है कि रूस ने नागरिक ठिकानों पर हमले किए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के हमले को यूक्रेन के हमले का जवाब करार दिया। उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन ने पुतिन को हमला करने का कारण दिया। मैंने कहा था कि ऐसा नहीं करना चाहिए, इस हमले को रोकना चाहिए। ट्रंप ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाने के सवाल पर कोई साफ जवाब नहीं दिया और कहा, ‘मैं इन प्रतिबंध को तभी इस्तेमाल करूंगा जब जरूरी होगा। ट्रंप ने पहले भी कहा था कि वे शांति समझौते की उम्मीद में रूस पर तुरंत प्रतिबंध नहीं लगाना चाहते। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रूस शांति वार्ता में देरी करता है, तब वह कड़े कदम उठा सकते हैं। वहीं यूक्रेन के एक वरिष्ठ अधिकारी पावलो पालिसा ने चेतावनी दी कि रूस का मकसद डोनेट्स्क और लुहान्स्क पर पूरी तरह कब्जा कर यूक्रेन के काला सागर तक पहुंच को रोकना है। आशीष/ईएमएस 08 जून 2025