क्षेत्रीय
08-Jun-2025
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मुंबई, (ईएमएस)। मुंबई में लोकल ट्रेनों को मुंबईकरों की लाइफलाइन माना जाता है। लोकल ट्रेनों के बाद मुंबई की बेस्ट बस को मुंबईकरों की दूसरी लाइफलाइन माना जाता है। बेस्ट की इन बसों में रोजाना हजारों मुंबईकर सफर करते हैं। इस बीच बेस्ट द्वारा किराया बढ़ाने का फैसला 9 मई 2025 को लिया गया था। जिसके बाद पिछले महीने से बेस्ट का किराया दोगुना कर दिया गया है। यानी पांच किलोमीटर के लिए जहां पहले टिकट 5 रुपये का था। उसे अब दोगुना कर दिया गया है। किराया बढ़ोतरी को लेकर मुंबईकरों ने नाराजगी भी जताई है। उधर एक महीने में किराया बढ़ोतरी के बाद बेस्ट के खजाने में राजस्व भी बढ़ा है, लेकिन बेस्ट बसों से मुंबईकरों के मुंह मोड़ने की खबर भी सामने आई है। दरअसल एक तरफ किराया बढ़ोतरी के बाद बेस्ट का राजस्व तो बढ़ा है। लेकिन दूसरी ओर बेस्ट से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में भी कमी आई है। बेस्ट द्वारा किराया दोगुना करने के बाद पांच लाख से अधिक यात्री कम हो गए हैं। बेस्ट बसों का इंतजार करने और समय बर्बाद करने के बजाय यात्री अब रिक्शा या टैक्सी को तरजीह दे रहे हैं। इसके चलते यात्री रिक्शा या टैक्सी से यात्रा कर रहे हैं। देखा जा रहा है कि इसका सीधा असर बेस्ट की बसों में यात्रियों की संख्या पर पड़ा है। एक ओर बेस्ट की बसों का किराया बढ़ने के बाद यात्रियों की संख्या में पांच लाख की कमी आई है। तो दूसरी ओर बेस्ट के खजाने में राजस्व में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले महीने यानी 9 मई से टिकट के दाम दोगुने कर दिए गए हैं। इसके बाद बताया गया है कि बेस्ट के मासिक राजस्व में करीब 74 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। जुलाई 2019 में बेस्ट ने किराया कम कर यात्रियों की संख्या बढ़ाने की कोशिश की थी। मगर अब बेस्ट के खर्चे ज्यादा हैं और आमदनी कम, जिसके कारण बेस्ट के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया। इसलिए बेस्ट की आर्थिक आमदनी बढ़ाने के लिए टिकट के दाम दोगुने कर दिए गए हैं। किराया बढ़ोतरी के बाद पहले दिन 23 लाख 17 हजार यात्रियों ने सफर किया। इससे बेस्ट के खजाने में 2 करोड़ 93 लाख 41 हजार का राजस्व जमा हुआ। बेस्ट का किराया बढ़ने के बाद कई मुंबईकर बेस्ट का इंतजार कर समय बर्बाद करने के बजाय 10 या 15 रुपए देकर शेयर ऑटो या टैक्सी को तरजीह दे रहे हैं। बेस्ट का किराया बढ़ने के बाद यात्रियों ने शेयर ऑटो या टैक्सी का विकल्प चुना है और इन्हीं से सफर कर रहे हैं। इसके कारण बेस्ट के यात्रियों की संख्या में पांच लाख की कमी आई है। यात्रियों का कहना है कि 2 या 3 किलोमीटर के सफर के लिए 12 रुपए देना वहनीय नहीं है। स्वेता/संतोष झा- ०८ जून/२०२५/ईएमएस