कमरे में हर जगह नजर आता था बेटा भोपाल(ईएमएस)। देहात क्षेत्र के रातीबड़ थाना इलाके में स्थित एक कॉलोनी में अपनी दो बेटियों के साथ रहने वाले महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फिलहाल खुदकुशी का सही कारण साफ नहीं हो सका है, लेकिन शुरुआती जॉच में सामने आया है, कि महिला बैतूल की रहने वाली थी, और करीब तीन महीने पहले उसके इकलौते बेटे ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। इस हादसे से वह काफी गहरे सदमे में थी, और बैतूल छोडकर भोपाल आकर रहने लगी थीं। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मूलरूप से बैतूल की रहने वाली गीता प्रजापति (48) इलाके में बनी पूजा कॉलोनी में अपनी दो बेटियों के साथ किराए के मकान में रह रही थीं। उनकी दोनों बेटियां प्राइवेट नौकरी करती हैं। शुक्रवार सुबह दोनों बेटियां अपने-अपने काम काम पर चली गई थी। रात करीब 8 बजे जब वे घर पहुचीं तो उन्हें मॉ का शव फांसी के फंदे पर लटका नजर आया। आसपास के लोगो की मदद से बेटियों ने मां के शरीर को फंदे से उतारा और पास में स्थित निजी अस्पताल लेकर पहुंची। लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। अस्पताल से मिली सूचना पर पहुचीं पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के बाद परिवार वालो को सौंप दिया है। शुरुआती जॉच में दोनों बेटियों ने पुलिस को बताया कि उनका एक भाई भी था, जो विवाहित था। उसने बैंक से कर्ज लेकर अपना कारोबार शुरू किया था, लेकिन कारोबार नहीं चला और काफी घाटा होने पर भाई ने तीन माह पूर्व बैतूल में आत्महत्या कर ली थी। फांसी लगा ली थी। उसकी मौत के बाद भाई की पत्नि अपनी बेटी को लेकर मायके चली गई थी। बेटे की मौत के बाद गीता प्रजापति हर समय उसकी याद में रोती रहती थीं। उनकी हालत देख बेटियां उन्हें भोपाल लाकर रहने लगी थी। जिससे उनका मल हल्का हो सके, लेकिन भोपाल आने के बाद भी वह बेटे को हरसमय याद करती रहती थी, वह अपनी बेटियों से मृतक बेटे के कमरे में नजर आने की बात भी कहती थी। पुलिस ने बताया की महिला के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। मां की मौत के बाद दो बेटियां ही घर में अकेली बची हैं। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ही अंतिम संस्कार के लिए महिला का शव श्मशान घाट लेकर पहुंची। वहॉ सामाजिक संस्था की मदद से उसका अंतिम संस्कार किया गया। फिलहाल पुलिस आगे की जांच कर रही है। जुनेद / 8 जून