सड़कों पर लोडिंग, अनलोडिंग, चौपाया वाहनों व ई रिक्शों ने बिगाड़े हालात जबलपुर, (ईएमएस)। शहर का हर कोना कराहते यातायात से हाहाकार कर रहा हैं| ई रिक्शों की बढ़ती संख्या और बाजार क्षेत्रों के अतिक्रमणों ने सड़के निगल ली हैं| व्यापारी भी इस बात को नहीं समझ रहे कि अराजक यातायात से उनका काम ठप्प हो रहा हैं| रानीताल चौराहा के बीचोबीच सड़क पर ई रिक्शा आटो के जमघट स्टेशन की वजह से यहां से निकलना मुश्किल है| वहीं दमोहनाका चौराहा, रसल चौक, उखरी चौराहा, घमापुर चौक, कांचघर, चुंगीचौकी, बल्देवबाग चौराहा, पेंटीनाका, मिलौनीगंज से मालवीय चौक और फिर अंधेरदेव दोनों तरफ के सहायक मार्गों में आज यातायात व्यवस्था अराजकता की सीमा पार कर चुकी है। हनुमानत ताल से शहर के अंदर के मार्ग के जरिये करमचंद चौक या मालवीय चौक आने में 40 से 60 मिनट लग रहा है। हालत इतने अराजक हैं कि लोग हनुमानताल, मिलौनीगंज से सिविक सेंटर आने के लिये सिंधी कैम्प, घमापुर, कलेक्ट्रेट होते हुये घंटाघर का मार्ग पकड़ना आसान समझ रहे हैं। मिलौनीगंज से मालवीय चौक, कमानिया - फुहारा करमचंद चौक, अंधेरदेव हर दिन ई रिक्शा की रैली के नजारे हैं। इतने से ही अराजकता की स्थिति बन जाती है। करमचंद चौक, तुलाराम चौक से शहर के मध्य में घुसने वाले फोरव्हीलर इस अराजकता को बढ़ा देते हैं। आज शहर के मध्य ट्रैफिक समस्या से पीड़ित है, परेशान है, हर दिन रो रहा है। लेकिन पुलिस प्रशासन यातायात विभाग करोड़ों की सैलरी और अरबों रुपये के संसाधन जनता के पैसे से पाने के बाद भी मूक दर्शक बना हुआ तमाशा देख रहा है। एक पान वाले को भी पता है कि क्या क्या मामूली कदम उठा लिये जाएं तो इस क्षेत्र में ट्रैफिक संभल जाएगा। लेकिन एसी कमरों में गर्मी काटते टैफिक विभाग के अधिकारियों नहीं पता कि क्या कदम उठाने हैं, जिससे यहां का यातायात संभल जाए। बजारों में प्रवेश कर रहे चौपाया वाहन........ मालवीय चौक, करमचंद चौक, तुलाराम चौक, कमानिया, बड़ा फुहारा, मालवीय चौक जैसे व्यस्तम मार्गों में चार पहिया वाहन, कार, जीप सब प्रवेश कर रहे है| इसी बीच ई रिक्शा वालें कही भी मोड़ते है और कही भी रुक जाते हैं| लिहाजा तुलाराम चौक से कार घुसती है और मिलौनी गंज से सैंकड़ों की तादाद ई रिक्शे और दोनों मिलकर इस पूरे मार्ग को ब्लॉक कर देते हैं। यदि तुलाराम चौक, करमचंद चौक और मालवीय चौक से अंदर घुसने वाले कार और ई रिक्शा को यदि डायवर्ट कर दिया जाए। तो 70 प्रतिशत ट्रैफिक समस्या वहीं खत्म हो जाएगी। ट्रैफिक एक फ्लो में बाहर निकलेगा। लेकिन महीने में 4 दिन के अलावा यहां कभी पुलिस या ट्रैफिक पुलिस के जवान नहीं होते। बर्बाद हो गया कारोबार............ गंजीपुरा, अंधेरदेव, फुहारा, कमानिया और इसके चारों तरफ के क्षेत्र शहर की कारोबारी रीढ़ कहे जाते हैं। लेकिन बीते एक साल से जिस तरह से यहां का आवागमन और यातायात दम तोड़ रहा है। उससे यह कहना अतिश्योक्ति नहीं कि शहर की कारोबारी रीढ़ कमजोर पड़ रही है। आज हालत यह है कि भीषण जाम की स्थिति के चलते शहरवासी इन क्षेत्रों के बाजारों से कतरा रहे हैं। खरीदादारी के लिये ऑनलाईन शापिंग या फिर सदर गोरखपुर की तरफ जा रहे हैं। जिसके चलते यहां के हजारों छोटे बड़े दुकानदार और कारोबारी धीरे धीरे बर्बाद हो रहे हैं। रानीताल चौक ई रिक्शों का स्टेंड............. शहर का सबसे व्यस्तम और प्राचीन व अब सुंदर चौराहों में शुमार रानीताल चौराहा वाहनों का पार्किंग स्टेशन बनने से परेशानी का सबब बन गया है| यहां बीच चौराहे पर सुभाष मेडीकल के सामने ई रिक्शा चालक और आटो दोनों तीन तीन की लाईन में खड़े हो जाते है लिहाजा खड़े होने तक की जगह नहीं रहती ऐसे में ट्रेफिक जाम रहता है| मजे की बात तो यह है कि यही चार कदम आगे ट्रैफिक की पुलिस दो पहिया वाहन चालकों का चालान करने में व्यस्त रहती है| पर अवैध रुप से बीच सड़क में खड़े वाहनों को हटाने की कोशिश भी नहीं की जाती, जिससे लोगों को रोड पार करने में दिक्कत जाती है| आगा चौक में ट्रांसपोर्ट की धमाचौकड़ी.......... आगा चौक से मरघटाई रोड, आगा चौक से बल्देवबाग रोड, और बल्देवबाग से निवाड़गंज रोड पर फुटपाथ के ऊपर और सड़क पर दो-दो, तीन-तीन ट्रक खड़े रहते हैं और लोडिंग अनलोडिंग का काम चलता रहता है| इसी बीच लाईव मेडिसिटी हॉस्पिटल से चार पहिया वाहन और अग्रवाल पेट्रोलपंप से पेट्रोल भराकर आने वालें दो पहिया वाहन रॉन्ग साईड से प्रवेश करते है| इससे दुर्घटनाओं का आंदेशा बना रहता है| कमोबेश यही हालत बल्देवबाग से निवाड़गंज रोड का है जहां यातायात के दबाव के समय आधी सड़क तक ट्रक खड़े रहते है| सुनील साहू / मोनिका / 08 जून 2025/ 05.42