राज्य
08-Jun-2025


पानी की तलाश में जंगल छोड़ गांवों में पलायन कर रहे जानवर जबलपुर, (ईएमएस)। भीषण गर्मी ने अभी से ही वनों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के प्राकृतिक जल स्त्रोतों को सुखाना आरंभ कर दिया है। छोटे नदी-नाले, पोखर और तालाब अब सूखे गड्ढों में तब्दील होने लगे हैं। जिले के वनांचल गौर, डुमना, अमझर घाटी, कुंडम, बरगी, पान उमरिया, पनागर, के आसपास हिरन नदी व उसकी सहायक नदियां नाले ही जंगलों व ग्रामीण अंचलों के मुख्य जल स्त्रोत हैं। मनुष्य तो किसी तरह अपने विवेक से अपने आपको किसी भी मौसम के अनुकूल कर लेते हैं। किंतु वनों में जलसंकट होने की स्थिति में वन्य प्राणी पानी की तलाश में गांव की ओर रूख करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में वे दुर्घटनाओं की चपेट में आकर दम तोड़ देते हैं या फिर शिकारियों के हाथ उनकी मौत हो जाती है। अभी गर्मी ठीक ढंग से शुरू भी नहीं हो पाई थी कि जिले में पांच चीतल पानी के लिये भटकते हुये आवारा कुत्तों के द्वारा नोंच लिये गये। वहीं एक हिरन की बरगी की नहर में डूबने से मौत हो गई थी। वन विभाग ने जंगलों में जल स्त्रोतों के लिये कोई कारगर कदम नहीं उठाये, सिर्फ खोखले दावे ही किये। जबकि हर साल जिले के वन अंचलों में गर्मी के दिनों में ऐसी ही परिस्थितियां जन्म लेती हैं। वन विभाग ने दावा किया था कि गर्मी में पानी की तलाश में जानवर गांवों की ओर पलायन न करें, इसलिए जिले भर में जंगलों के पोखर व तालाब साफ करा दिये गये थे और उनका गहरीकरण भी करा दिया गया था। लेकिन अधिकारियों का यह कथन हकीकत से परे है। जंगलों में कई पोखर और तालाब ऐसे हैं, जिन्हें साफ किया ही नहीं गया। वन विभाग के पास इस बात के आंकड़े भी नहीं हैं कि कितने पोखरों, तालाबों की साफ सफाई की गई। वहीं दूसरी ओर जिस तीव्र गति से जंगलों का सफाया हो रहा है, उस गति से वृक्षारोपण का कार्य नहीं होने से ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के साथ जानवरों के घरौंदे भी नष्ट हो रहे हैं। जहां तक जबलपुर जिले के वन ग्रामों का सवाल है तो इन वनों में मुख्यतः गौर नदी, परियट नदी और उससे निकलने वाले नालों व बरगी की नहरों से ही पानी की आपूर्ति होती है। लेकिन गर्मी के दिनों में नालों पोखरों व अन्य जल स्त्रोतों की साफ-सफाई नहीं होने की वजह से ये सूखे गड्ढों में तब्दील हो जाते हैं। नदियों का जल स्तर कम होने से भी बहाव में अवरोध उत्पन्न होता है। होना यह चाहिये कि गर्मी के पूर्व वनों के तालाब, पोखर, नाले, गहरे किये जाने चाहिए और उनकी अच्छी तरह से साफ सफाई कर गर्मी के पहले उनमें जल का भराव पूरी क्षमता के साथ किया जाना चाहिए। सुनील साहू / मोनिका / 08 जून 2025/ 05.57