छिंदवाड़ा-नागपुर चलने वाली टैक्सियों के पास न तो परमिट न ही फिटनेस परिवहन विभाग की अनदेखी, जोखिम में है यात्रियों की जान छिंदवाड़ा (ईएमएस)। परिवहन विभाग की अनदेखी की वजह से इन दिनों शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो चुकी है। हालात यह है कि बस संचालकों की तरह अब टैक्सी संचालकों ने भी अपनी मनमानी दिखाना शुरू कर दिया है। टैक्सी संचालकों ने तो शहर के बीचों बीच ही अवैध टैक्सी स्टैंड बना लिया है। जहां से रोजाना नागपुर के लिए टैक्सी रवाना होती है। जिल से टैक्सियों का संचालन सबसे अधिक नागपुर के लिए होता है। प्रतिदिन लगभग ५० से ६० टैक्सी छिंदवाड़ा से नागपुर की ओर आती जाती है। इंदिरा तिराहे के समीप टैक्सी संचालकों ने अवैध टैक्सी स्टैंड बना लिया है। जोकि नियमों के विरूद्ध है। लेकिन इसके बावजूद भी परिवहन विभाग सहित यातायात विभाग इस ओर ध्यान देने का खाली नहीं है। दोनों ही जिम्मेदार विभागों की अनदेखी की वजह से टैक्सी संचालकों द्वारा अपनी मनमानी करते हुए अवैध टैक्सी स्टैंड का संचालन किया जा रहा है। परमिट व फिटनेस की भी नहीं कोई जानकारी छिंदवाड़ा से नागपुर की ओर चलने वाली टैक्सियों की न तो परमिट की कोई जानकारी विभाग के पास है और ना ही कभी इन वाहनों की फिटनेस जांच की जाती है। बगैर परमिट व फिटनेस के संचालित इन वाहनों के मालिकों को परिवहन विभाग का कोई खौफ नजर नहीं आता है। शहर में ही मुख्य बस स्टैंड पर इन छोटे यात्री वाहनों को खड़ा देखा जा सकता है, जिनमें एजेंट सवारी बैठाते हैं। इन वाहनों के पास परमिट तो होता ही नहीं है, फिटनेस पर भी सवाल खड़े होते हैं। 15 वर्ष पुराने इन वाहनों के टायर चिकने, क्षमता से अधिक सवारी के साथ ही अन्य नियमों का पालन देखने को नहीं मिलता है। यात्रियों से लिए जा रहे ५००-५५० रूपए छिंदवाड़ा से नागपुर जाने के लिए बसों में वैसे तो २०० रूपए का किराया यात्रियों को चुकाना पड़ता है। लेकिन यह टैक्सी संचालकों द्वारा यात्रियों से ५०० से ५५० रूपए तक का किराया वसूला जाता है। मनमाना किराया वसूलने के बाद भी याित्रयोंं को सुरक्षा नहीं मिल पा रही ही। क्योकि परिवहन विभाग की इन टैक्सियों की ना तो फिटनेस की जंाच करता है और न ही परिमट देखता है। जिसके चलते बेखौफ होकर टैक्सी संचालक इस मार्ग से टैक्सियों का संचालन कर रहे हे। कंडम वाहनों में यात्रियोंं की सुरक्षा पर सवाल इंदिरा तिराहा के पास बनाए गए अवैध टैक्सी स्टैंड में शनिवार की सुबह ६.३० एक टैक्सी नागपुर के लिए रवाना हो रही थी। टैक्सी की हालात देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता था कि यह १० साल पूरानी टैक्सी है। जोकि कंडम होने की कगार पर पहुंच गई है। फिटनेस तो दूर की बात गाड़ी के टायर देखकर ही यात्रियों की सुरक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता था। लेकिन जांच ना होने व अधिकारियों का कोई खौफ ना होने की स्थिति में वहीं टैक्सी ४ यात्रियों को लेकर नागपुर के लिए रवाना हुई। परिवहन विभाग नहीं करता जांच नागपुर मार्ग पर 50-६० से ज्यादा टैक्सियों का संचालन प्रतिदिन होता है, जो सौंसर होते हुए महाराष्ट्र पहुंचती हैं। इन वाहनों पर परिवहन व पुलिस अमला कार्रवाई नहीं करता है। कभी कभार विभाग जांच करता भी है, तो टैक्सी चालकों को कोई रोक टोक नहीं की जाती है। टैक्सी संचालकों का कहना है कि समय समय पर अधिकारियों को उनका हिस्सा भेज दिया जाता है। इस वजह से हमे कोई डर नहीं है। ईएमएस/मोहने/ 08 जून 2025