सांगली, (ईएमएस)। महाराष्ट्र में पिछले कुछ महीनों के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर नकेल कस रही है। कुछ दिन पहले छत्रपति संभाजीनगर में एक उप जिलाधिकारी को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। अब सांगली नगर निगम के उपायुक्त रिश्वत मांगने के मामले में एसीबी के जाल में फंस गए हैं। उपायुक्त वैभव साबले के खिलाफ 7 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उपायुक्त साबले ने नगर निगम क्षेत्र में 24 मंजिला इमारत के निर्माण संबंधी अनुमति देने के लिए 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। 10 लाख मांगने के बाद 7 लाख रुपये की रकम पर समझौता हुआ था। इस बीच शिकायतकर्ता द्वारा इस मामले में एसीबी को सूचित करने के बाद, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शिकायतकर्ता के अनुरोध पर जाल बिछाया। तदनुसार, शिकायत में उल्लेखित अनुसार, यह पाया गया है कि उपायुक्त ने 7 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। इसके आधार पर एसीबी ने विश्रामबाग थाने में मनपा उपायुक्त वैभव साबले के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उधर, मनपा के उपायुक्त वैभव साबले के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद मनपा प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस मामले में एसीबी पुलिस द्वारा आगे की जांच जारी है। * संभाजीनगर में डिप्टी जिलाधिकारी को किया गया था गिरफ्तार छत्रपति संभाजीनगर निवासी डिप्टी जिलाधिकारी को पिछले महीने रिश्वत लेते हुए एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया था। डिप्टी जिलाधिकारी ने कृषि भूमि के काम के लिए 41 लाख रुपए की भारी-भरकम रकम मांगी थी। इससे पहले इस मामले में उनके घर 23 लाख रुपए भी पहुंच चुके थे। हालांकि, उन्होंने शिकायतकर्ता से 18 लाख रुपए की और मांग की थी। आखिरकार, शिकायतकर्ता ने पानी की तरह पैसे मांगने वाले इस भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ एसीबी का दरवाजा खटखटाया। उसके बाद एसीबी अधिकारियों ने जाल बिछाकर रिश्वतखोर विनोद खिरोलकर को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद जब पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली तो उन्हें भारी मात्रा में सोना मिला। इनमें 50 लाख रुपए का सोना भी था। एसीबी ने 589 ग्राम या 59 तोला सोना जब्त किया। संतोष झा- १० जून/२०२५/ईएमएस