तेहरान (ईएमएस)। ईरानी संसद ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित कर होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का समर्थन किया है। होर्मुज जलडमरूमध्य दुनिया के सबसे अहम तेल परिवहन मार्गों में से एक है और इस पर नियंत्रण वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति पर सीधा असर डालेगा है। हालांकि, प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय ईरानी सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल और देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई द्वारा लिया जाएगा। ईरानी संसद के राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के सदस्य और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर इस्माइल कोसारी ने बताया, “संसद इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद किया जाना चाहिए, लेकिन अंतिम निर्णय सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के पास है।” यह वोट अमेरिका द्वारा चलाए गए ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के बाद हुआ, जिसमें अमेरिकी बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया। कुल 125 सैन्य विमान हमले में शामिल थे और 25 मिनट में पूरा अभियान पूरा किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और इन परमाणु ठिकानों को पूरी तरह तबाह किया है। हालांकि, संयुक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ चेयरमैन जनरल डैन कैन ने कहा कि इन स्थलों पर हुए नुकसान का पूरा आकलन करने में कुछ समय लगेगा। यदि ईरान वास्तव में होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करता है, तब इसका मतलब होगा कि वह रास्ते को नौवहन के लिए असुरक्षित बना देगा, जैसे कि समुद्र में माइन बिछाना या तेल टैंकरों पर मिसाइल हमले करना। होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है। इसकी चौड़ाई सबसे संकीर्ण बिंदु पर लगभग 21 मील है, जिसमें दो-दो मील की दो नौवहन लेन हैं। विश्व भर के लगभग 20 प्रतिशत तेल का व्यापार इसी जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ईरान इस रास्ते को बंद करता है, तब तेल की कीमतों में 30-50 प्रतिशत तक उछाल आ सकता है और ईंधन की खुदरा कीमतों में पांच डॉलर प्रति गैलन तक की बढ़ोतरी हो सकती है। आशीष दुबे / 23 जून 2025