व्यापार
11-Jun-2025


ट्रंप की टैरिफ पर 90 दिन की अस्थायी रोक जुलाई में होगी खत्म नई दिल्ली,(ईएमएस)। एक सीमित व्यापार समझौता करने के लिए भी अमेरिका और भारत के पास अब ज्यादा समय नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ पर 90 दिनों की जो अस्थायी रोक लगाई थी उसकी समय सीमा 9 जुलाई को खत्म हो रही है। 10 अप्रैल को राष्ट्रपति ट्रंप ने दो तरह के टैरिफ का ऐलान किया था। उन्होंने सबसे पहले अमेरिका आने वाली सभी वस्तुओं पर 10 फीसदी का बुनियादी शुल्क लगाने की घोषणा की और उसके बाद भारतीय वस्तुओं पर निशाना साधते हुए उन पर 16 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क लगाने का ऐलान किया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने आपसी बातचीत का एक अवसर देने के लिए इन शुल्कों पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी थी। अब इसकी समय सीमा खत्म होने वाली है। भारत और अमेरिका के बीच बातचीत जारी है। अमेरिका बातचीत में टैरिफ को हथियार बना रहा है तो भारत काफी लचीलापन दिखा रहा है। यह वार्ता इस मायने में असाधारण कही जा सकती है। भारत ने अमेरिका के सामने एक साहसिक प्रस्ताव रखा है जिसके तहत अमेरिका से आयातित विभिन्न गैर-कृषि वस्तुओं पर शुल्क घटाकर लगभग शून्य करने की बात कही गई है। यह पेशकश केवल अमेरिका को ही की गई है न कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सभी साझेदार देशों को। पूर्ण मुक्त व्यापार समझौते की जद से बाहर शुल्कों में इतनी बड़ी कटौती यदा-कदा ही देखी गई है, खासकर भारत जैसे देश की तरफ से जो परंपरागत रूप से ऊंचे व्यापार शुल्क लगाने के लिए जाना जाता है। भारत ने आखिर इतना उदार प्रस्ताव क्यों दिया? इसका कारण यह है कि दूसरा कोई ठोस विकल्प नहीं है। बिना किसी अंतरिम समझौते के भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर 26 फीसदी शुल्क का खतरा बरकरार रहेगा। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है इसलिए मौजूदा शुल्क विवाद का कोई समाधान नहीं निकलने की स्थिति में लाखों भारतीय नौकरियां खतरे में आ सकती हैं। भारत ने अपना पक्ष साफ कर दिया है कि वह अपने निर्यात को नए शुल्कों की चोट से बचाना चाहता है। भारत, अमेरिका से इसे लेकर ठोस आश्वासन चाहता है कि वह 16 फीसदी का जवाबी शुल्क नहीं लगाएगा और आदर्श रूप में 10 फीसदी शुल्क से भी छूट देगा। अमेरिकी वस्तुओं के लिए भारत करीब शुल्क मुक्त पहुंच का प्रस्ताव रख रहा है और वह बदले में ऐसा ही चाहता है। सिराज/ईएमएस 11जून25