, क्या चीन-रुस की दोस्ती आएगी दरार -रूसी एजेंसियां लंबे समय में विदेशी ऐप्स में सेंध लगाने का कर रहीं काम मॉस्को,(ईएमएस)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन की आए दिन तारीफ करते हैं, लेकिन उनकी अपनी ही खुफिया एजेंसी के जासूस चीन के सुपर ऐप की जासूसी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस और चीन में सब कुछ ठीक नहीं हैं। दोनों एक दूसरे पर भरोसा नहीं कर रहे हैं, भले ही बाहर दोस्ती को लेकर दम भरें। मीडिया रिपोर्ट में रूसी खुफिया दस्तावेज के हवाले से दावा किया गया है कि रूस के खुफिया एजेंट लोकप्रिय चीनी मैसेजिंग और सोशल मीडिया ऐप वीचैट से डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं। इसका उद्देश्य उन लोगों पर नजर रखना है, जो चीनी जासूसों के संपर्क में हैं। रूस की घरेलू खुफिया एजेंसी एफएसबी के दस्तावेज से पता चला है कि यूक्रेन युद्ध में चीन ने अपनी जासूसी बढ़ाई है। इसमें रूस में बढ़ते चीनी प्रभाव को लेकर चिंता जताई गई है। दरअसल यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूस पश्चिम में अलग-थलग पड़ गया है, इसलिए वह चीनी कंपनियों और टेक्नोलॉजी पर पूरी तरह निर्भर हो गया है। लेकिन यह रूस के लिए खतरा भी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि रूसी खुफिया एजेंसी जिन चीनी डेटा का विश्लेषण कर रही है, उसमें वीचैट की जानकारी भी शामिल है। वीचैट को चीन का सुपरऐप कहा जाता है, जो मैसेजिंग से लेकर सोशल मीडिया तक में इस्तेमाल होता है। दस्तावेज के मुताबिक रूस ने स्कोपिश नाम से एक टूल तैयार किया है, जिसमें सारे डेटो विश्लषण के लिए भेजा जाता है। इसमें अकाउंट ल़ॉग इन, कॉन्टैक्ट लिस्ट से लेकर मैसेज तक शामिल हैं। इस डेटा को एक अन्य स्वचालित प्रणाली के माध्यम से चलाया जा सकता है, जिसे लॉरेट्ज के नाम से जाना जाता है। यह एक साथ एक हजार से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल की जांच कर सकता है। चीनी टेक दिग्गज टेनकेन्ट के स्वामित्व वाला वीचैट दुनिया के सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले प्लेटफॉर्म में से है। यह एक ऑल-इन-वन टूल है, जो मैसेजिंग, मोबाइल पेमेंट, सोशल नेटवर्किंग और सरकारी सेवाओं को एक ही जगह उपलब्ध कराता है। टेनकेन्ट के मुताबिक इस ऐप के दुनिया भर में 1.4 अरब यूजर है। इसके यूजर की बड़ी मात्रा चीन में ही है। रूसी एजेंसियां लंबे समय में विदेशी ऐप्स में सेंध लगाने का काम करती रही हैं, जिनमें सिग्नल और वॉट्सऐप जैसे ऐप भी शामिल हैं। इस साल अप्रैल में पुतिन ने सरकारी और बैंक कर्मचारियों के विदेशी मैसेजिंग ऐप इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। रूस ने साल 2017 में वीचैट पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन टेनकेन्ट के आवश्यक कानूनों का पालन करने के लिए कदम उठाने के बाद पहुंच बहाल कर दी गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक वीचैट को वर्तमान में रूस में संचालन के लिए सरकार द्वारा लाइसेंस दिया गया है। इस लाइसेंस के लिए टेनकेन्ट को रूसी सर्वर पर यूजर डेटा जमा करना होगा और अनुरोध पर सुरक्षा एजेंसियों को पहुंच प्रदान करनी होगी। रूस अलग से अपना खुद का सरकारी मैसेजिंग ऐप बनाने की कोशिश कर रहा है। सिराज/ईएमएस 11जून25