अंतर्राष्ट्रीय
12-Jun-2025
...


-काठमांडू की घाटी में बीते डेढ़ महीने में 10 बहुत जहरीले सांप पकड़े गए काठमांडू,(ईएमएस)। नेपाल की राजधानी काठमांडू की घाटी में बीते डेढ़ महीने में 10 बेहद जहरीले सांप पकड़े गए। इनमें 9 किंग कोबरा और 1 मोनोकल कोबरा हैं। ये सांप सामान्यतः तराई के गर्म और समतल इलाकों में रहते हैं, लेकिन अब ये पहाड़ों की ओर रुख कर रहे हैं। काठमांडू जो माउंट एवरेस्ट से सीधी रेखा में 160 किमी दूर है, वहां पर यह बदलाव सिर्फ डरावना नहीं, बल्कि एक गहरी जलवायु चेतावनी भी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इन किंग कोबरा सांपों को गुपालेश्वर, भांज्यांग, सोखोल और फुलचौक जैसे पहाड़ी इलाकों से रेस्क्यू किया गया। ये सांप घरों, आंगनों और यहां तक कि रिहायशी इलाकों में आ गए थे। वन विभाग और सांप रेस्क्यू टीम की मदद से इन्हें पकड़कर पास के जंगलों में छोड़ दिया गया है। कुछ ग्रामीणों ने तो जंगलों में सांपों के अंडे और घोंसले तक देखे हैं। जानकारों का कहना है कि ये जहरीले सांप सिर्फ पहाड़ी इलाकों में घुसे नहीं हैं, बल्कि यहां के वातावरण में ढल भी गए हैं और अपने बसेरे भी बना रहे हैं। जलवायु परिवर्तन का असर नेपाल के पहाड़ी और पर्वतीय जिलों में साफ दिख रहा है। यहां का अधिकतम तापमान अब तराई की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है, जो 0.05 डिग्री सेल्सियस प्रति वर्ष है। यही वजह है कि अब वो सांप जो सिर्फ गर्म और समतल क्षेत्रों में पाए जाते थे, पहाड़ों में भी दिखने लगे हैं। सांप रेस्क्यू ट्रेनर ने बताया कि ये सांप शायद लकड़ियों और भूसे के साथ ट्रकों में घाटी तक पहुंचे होंगे, लेकिन अब ये स्थायी तौर पर यहां बसने लगे हैं। उन्होंने अब तक किंग कोबरा और मोनोकल कोबरा को दक्षिणकाली, स्युचातार, गोकर्णा, गोडावरी और मकवानपुर के सिसनेरी इलाके से बचाया है। तराई इलाकों में सांप के डसने से हर साल करीब 2,700 लोग, जिसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे मारे जाते हैं। नेपाल सरकार ने 2030 तक सांप के ज़हर से होने वाली मौतों को 50 फीसदी तक कम करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत कुछ पहाड़ी इलाकों में इलाज केंद्र भी खोले गए हैं। भारत से क्वाड्रिवेलेंट एंटी-वेनम आयात किया जा रहा है, जो चार सांपों के जहर पर असर करता है, लेकिन पिट वाइपर जैसे स्थानीय सांपों के लिए अब भी कोई असरदार इलाज नहीं है। सिराज/ईएमएस 12 जून 2025