नई दिल्ली (ईएमएस)। क्या आप जानते हैं कि रात के समय भी कुछ योगासन आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। वज्रासन, सुप्त बद्ध कोणासन, सेतु बंधासन, शवासन और योग निद्रा जैसे आसन रात में करने से न केवल पाचन बेहतर होता है, बल्कि थकान, तनाव और मांसपेशियों की जकड़न भी कम होती है। जानकार बताते हैं कि रात में खाने के तुरंत बाद ऐसे योगासन नहीं करने चाहिए जो पेट पर दबाव डालें, क्योंकि इससे पाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खाने के कम से कम एक से दो घंटे बाद हल्के योगासन किए जा सकते हैं जो शरीर को आराम देते हैं और नींद में सुधार करते हैं। खासकर खाने के बाद केवल वज्रासन करना सही रहता है, जबकि बाकी आसनों के लिए थोड़ी देर इंतजार करना जरूरी होता है। वज्रासन में 5 से 10 मिनट बैठने से पाचन क्रिया में सुधार होता है और रक्त संचार सही रहता है। यह आसन जांघों और पैरों में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है जिससे पाचन तंत्र को ऊर्जा मिलती है। सुप्त बद्ध कोणासन को बिस्तर पर लेटकर किया जाता है जिसमें पैरों को तितली की तरह खोलकर हल्की गति दी जाती है। यह तनाव कम करने, प्रजनन क्षमता बढ़ाने और पीसीओडी जैसी समस्याओं में भी लाभकारी होता है। सेतु बंधासन को सांस के साथ गतिशील रूप में करना चाहिए, जिसमें कूल्हों को ऊपर उठाया और नीचे लाया जाता है। इसे स्थिर नहीं रखना चाहिए ताकि पेट पर ज्यादा दबाव न पड़े। यह आसन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, पाचन सुधारने और थायराइड के लिए फायदेमंद होता है। विशेषज्ञ 20 राउंड करने की सलाह देते हैं। शवासन में लेटकर योग निद्रा का अभ्यास किया जाता है, जो माइंडफुलनेस बढ़ाता है, डिप्रेशन कम करता है और एकाग्रता सुधारता है। 10-15 मिनट की योग निद्रा तनाव और चिंता को दूर करने में मददगार होती है। इसके बाद भ्रामरी, अनुलोम-विलोम या ओम के प्राणायाम से मानसिक शांति मिलती है और नींद बेहतर होती है। सुदामा/ईएमएस 12 जून 2025