-हैकरों ने सी-17 से जुड़ी फाइलें चोरी कर चीनी कंपनी को बेचीं वाशिंगटन (ईएमएस)। दुनिया के देश नई तकनीक के रिसर्च एंड डेवलपमेंट में पैसा खर्च करते हैं वहीं चीन दूसरे देशों की तकनीक चुराकर उसकी कॉपी करने में पैसा खर्च करता है। दशकों से चीन इस काम में जुटा है। चीनी हैकर अमेरिका समेत कई देशों के प्रोजेक्ट की फाइलों में सेंधमारी करते हैं। अमेरिका भी चीन की इस हरकत से वाकिफ था और यही वजह थी कि एबटाबाद में लादेन को ढेर करने के लिए नेवी सील का एक ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। अमेरिका ने पूरी कोशिश की कि उसकी तकनीक किसी के हाथ न लगे, इसलिए हेलिकॉप्टर को नष्ट कर दिया था, लेकिन ब्लैक हॉक की तकनीक पाकिस्तान के जरिए चीन तक पहुंच ही गई। चौंकाने वाली बात यह है कि 2 मई 2011 को लादेन को नेवी सील कमांडो ने एबटाबाद में ढेर किया और ठीक 2 साल बाद 2013 में चीन ने जेड-20 की पहली फ्लाइट उड़ाई। चीन ने यूएच-60 ब्लैक हॉक का हमशक्ल जेड-20 तैयार कर लिया। इस हेलिकॉप्टर के सिविलियन वर्जन एस-70सी-2 वेरियंट को चीन पहले ही इस्तेमाल कर रहा था। माना जा रहा है कि चीन ने डिजाइन वहां से चोरी किया हो सकता है। अमेरिका को लगता है कि जिन भी मित्र देशों को वह अपने एयरक्राफ्ट या फिर आधुनिक सैन्य सामान बेचता है, चीन बैक डोर से उसकी तकनीक हासिल कर लेता है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने फैसला किया है कि लॉकहेड मार्टिन एफ-22 रैप्टर स्टेल्थ फाइटर को किसी दूसरे देश को नहीं बेचेगा। कुछ इसी तरह रिवर्स इंजीनियरिंग हथियारों पर जारी रिपोर्ट की बात करें तो अमेरिकी एफ-35 का क्लोन शेनयांग एफसी-31 जिसे जे-35 के नाम से चीन ने 2013 से बनाना शुरू कर दिया था। एयरक्राफ्ट का फ्यूसलॉज, कैनोपी, और कॉकपिट तक बिलकुल अमेरिकी एफ-35 जैसा है। देखने में दोनों पांचवी पीढ़ी के स्टेल्थ एयरक्राफ्ट एक जैसे ही दिखते हैं। अमेरिकी एफ-16 की चीनी वर्जन जे-10 के नाम से उसे सेना में शामिल किया गया है. चीन के चेंगदु एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री ग्रुप ने रिवर्स इंजीनियरिंग से चीनी एयरफोर्स के बैकबोन के तौर पर इसे बना दिया। इसके डिजाइन को देखें तो यह हूबहू अमेरिकी एफ-16 की तरह है। फिलहाल चीन के पास तकरीबन 600 के करीब जे-10 सिंगल इंजन मल्टीरोल जेट मौजूद हैं। अमेरिकी हमवी लाइट ट्रक का क्लोन डॉंगफेंग ईक्यू2050 ब्रेव सोल्जर के नाम से चीनी सेना में मिल जाएगा। चीन ने जो सबसे बड़ी चोरी की वह है दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक विमान अमेरिकी सी-17 ग्लोबमास्टर-3 की तकनीक है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने इसका क्लासिफाइड डिजाइन डॉक्यूमेंट बोइंग से चोरी किया है। चीनी हैकरों ने सी-17 से जुड़ी 630,000 फाइलें चोरी कर चीनी कंपनी को बेच दी थीं। आज चीन के पास अमेरिकी सी-17 ग्लोबमास्टर-3 की हूबहू कॉपी वाय-20 नाम से शामिल है। इसके अलावा अमेरिकी नौसेना के एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम ई-2 हॉक आई की कॉपी केजे-600 के तौर पर चीन के पास भी मौजूद है। सिराज/ईएमएस 12 जून 2025