ढाका,(ईएमएस)। कट्टरपंथियों का गढ़ बन रहे बांग्लादेश को चला पाना आसान नहीं है। मोहम्मद यूनुस ने जब अंतरिम सरकार का नेतृत्व संभाला था तभी आशंका जताई जाने लगी थी यूनुस के बस की बात नहीं है बांग्लादेश को संभालना। अब हो भी ठीक वैसा ही रहा है जैसी की संभावना जताई जा रही थी। नतीजा ये हुआ कि बांग्लादेश का कांटो भरा ताज अब मोहम्मद यूनुस को चुभने लगा है। चुभने से अधिक तो यह खोपड़ी में छेद करने लगा है। अब इसका इल्जाम भी मोहम्मद यूनुस भारत के पीएम मोदी पर लगाने लगे हैं। यूनुस अपनी असफलता का दोष किसी और पर मढ़ रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेख हसीना को लेकर यूनुस ने जो कहा है, उससे साफ है कि अब वह हताश हो चुके हैं। नोबेल शांति पुरस्कार वाले मोहम्मद यूनुस ने कहा, मैंने मोदी से कहा कि वे शेख हसीना को बोलने और बांग्लादेश में गुस्सा भड़काने से रोकने में मदद करें। मोदी ने कहा कि यह सोशल मीडिया है और हम इसे नियंत्रित नहीं कर सकते। अब मैं क्या कह सकता हूं? यह एक विस्फोटक स्थिति है और आप यह कहकर नहीं निकल सकते कि यह सोशल मीडिया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस ने लंदन के चैथम हाउस में यह बातें कहीं। यूनुस के मुताबिक, उन्होंने अप्रैल 2025 में बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी से यह अनुरोध किया था। तभी मोदी ने जवाब दिया था कि सोशल मीडिया को कंट्रोल करना संभव नहीं। यूनुस का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब भारत-बांग्लादेश के रिश्ते रसातल में हैं। अगस्त 2024 में शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने और भारत में शरण लेने के बाद रिश्ते और बिगड़े हैं। यूनुस का यह बयान अनजाने में ही सही, मगर शेख हसीना के बांग्लादेश में प्रभाव को दिखाता है। यूनुस की बातों से ऐसा लग रहा है कि अब भी शेख हसीना की बातें बांग्लादेश की जनता सुनती है। यही वजह है कि यूनुस की अंतरिम सरकार के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं। शेख हसीना पर बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान सैकड़ों लोगों की हत्या का आरोप है। मोहम्मद यूनुस की सरकार ने लगातार शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। साथ ही जब से नोबेल शांति पुरस्कार वाले मोहम्मद यूनुस सत्ता में आए हैं, वह भारत से पंगा ही ले रहे हैं। उनके राज में बांग्लादेश में हिंदुओं पर खूब अत्याचार हुए। वह लगातार अपना चीन और पाकिस्तान प्रेम दिखा रहे हैं। शेख हसीना ही संभाल सकतीं है बांग्लादेश बांग्लादेश को शेख हसीना ही बेहतर तरीके से संभाल सकती हैं और बांग्लादेशी अब भी उन्हीं की बात सुनते हैं। खुद मोहम्मद यूनुस भी यह बात अब मानने लगे हैं।दरअसल, बांग्लादेश में हालात अभी आउट ऑफ कंट्रोल दिख रहे हैं। सेना और सरकार ही नहीं, विपक्ष और सरकार में भी तकरार जैसी स्थिति है। मोहम्मद यूनुस पर चुनाव कराने का प्रेशर बढ़ता जा रहा है। बांग्लादेश का सियासी माहौल तनावपूर्ण है। लगातार तल्खी बढ़ती जा रही है। ऐसे में मोहम्मद यूनुस का कहना है कि अगर पीएम मोदी चाहते तो बांग्लादेश में गुस्सा फैलने से रोक सकते थे। वीरेंद्र/ईएमएस/12जून2025 --------------------------------