12-Jun-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। राजधानी में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। लोगों को न घर में सुकून मिल रहा और न बाहर राहत महसूस हो रही है। इस भीषण गर्मी के बीच लोगों को पानी की किल्लत भी झेलनी पड़ रही है। कई जगहों पर सरकारी ट्यूबवेलों में से एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। इसको लेकर स्थानीय निवासी दिल्ली जल बोर्ड सहित जनप्रतिनिधियों से लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। दक्षिणी दिल्ली में देवली, संगम विहार और असोला गांव सहित कई जगहों पर सरकारी ट्यूबवेल बंद पड़े हैं। इनके खराब होने के बाद संबंधित विभाग ने अधिकारियों ने एक बार भी इन्हें ठीक कराने की जहमत नहीं उठाई। इन खराब ट्यूबवेलों को लेकर स्थानीय लोगों ने गर्मी शुरू होते ही शिकायत करनी शुरू कर दी थी। जबकि इन क्षेत्रों में नियमित पानी के पाइपलाइन भी नहीं हैं। इससे पानी की नियमित आपूर्ति भी नहीं है। ऐसे में उन्हें मजबूरी में निजी टैंकर खरीदकर पानी की पूर्ति करनी पड़ रही है। देवली के दुर्गा विहार ट्यूबवेल का मोटर करीब चार महीने पहले खराब हो गया था। इसे आज तक ठीक नहीं किया गया है। जबकि इस क्षेत्र में पानी की आपूर्ति का दूसरा साधन भी नहीं है। इसी तरह देवली में ही लाल डोरा के पास लगा ट्यूबवेल करीब 10 दिन पहले खराब हो गया था। दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारियों ने इसके पाइप तो निकाल दिए, लेकिन आज तक इसे दुरुस्त नहीं किया है। ऐसा ही हाल असोला गांव की ट्यूबवेल का है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 2017 से अभी तक लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। यहां भी ट्यूबवेल को शुरू नहीं कराया गया है। इन क्षेत्रों के निवासी पानी की पूर्ति के लिए निजी टैंकर माफिया के भरोसे हैं। वह एक से दो हजार रुपये में पानी का टैंकर खरीद रहे हैं। इसके लिए भी कई दिनों का इंतजार करना पड़ता है। इसकी क्षमता तीन से चार हजार लीटर होती है। जबकि सरकारी टैंकर तो सप्ताह में एक या दो बार ही आता है। इससे लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। अजीत झा /देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/12/जून/2025