इस्लामाबाद (ईएमएस)। पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली के बीच देश ने अपने रक्षा खर्च को बढ़ाकर चीन से अत्याधुनिक फिफ्थ जनरेशन स्टील्थ फाइटर जे-35ए की खरीद की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। दरअसल पाकिस्तान ने अपने रक्षा बजट में 20 प्रतिशत की वृद्धि की है, इसके तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 2,550 अरब रुपये (लगभग 9 अरब डॉलर) आवंटित किए हैं। इस वृद्धि का प्रमुख कारण चीन से 40 अत्याधुनिक जे-35ए स्टील्थ फाइटर जेट्स की खरीद का प्रस्ताव है। सूत्रों के हवाले से लिखा, पाकिस्तान चीन से 40 जे-35ए स्टील्थ लड़ाकू विमान खरीदने पर बातचीत कर रहा है और अगस्त से इनकी डिलीवरी शुरू हो सकती है। पाकिस्तान एयरफोर्स ने इस सौदे को पहले ही मंजूरी दे दी है और पायलटों को चीन में ट्रेनिंग दी जा रही है। चीन ने कथित तौर पर पाकिस्तान को इस सौदे में 50 प्रतिशत तक की छूट और लचीले भुगतान विकल्प दिए हैं, जो दोनों देशों के गहराते रणनीतिक संबंधों का प्रतीक है। वर्तमान में पाकिस्तान के लगभग 80 प्रतिशत हथियार चीन से आते हैं। पाकिस्तान का यह सैन्य उभार तब समय में हो रहा है जब देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। पाकिस्तान पर चीन का 15 अरब डॉलर का कर्ज पहले ही आ रहा है। इसके अलावा, पाकिस्तान आईएमएफ से 6-8 अरब डॉलर के राहत पैकेज की मांग कर रहा है। कुल 269 अरब डॉलर के कर्ज में डूबा देश अपनी जीडीपी का 1.9 प्रतिशत से अधिक सिर्फ कर्ज चुकाने में खर्च कर रहा है। फिर भी, शहबाज शरीफ सरकार ने इस बार के बजट में कुल राष्ट्रीय खर्च को 7 प्रतिशत घटाकर 17.57 ट्रिलियन रुपये कर दिया है, जबकि रक्षा खर्च को प्राथमिकता दी गई है। संसद में इस बजट पर खास बहस नहीं हुई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की सैन्य ताकत किस हद तक देश के नीति निर्धारण में प्रभावी है। पाकिस्तान जहां कूटनीतिक मंचों पर संयम बरताने की बात कर रहा है, वहीं अंदरखाने वह अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाने में लगा है। वहीं चीन में इस सौदे को लेकर भी विवाद छिड़ गया है। चीनी सोशल मीडिया पर नागरिकों ने ड्रैगन सरकार के कदम को वित्तीय और रणनीतिक रूप से लापरवाह बताया है, खासकर क्योंकि जे-35ए अभी भी ट्रायल स्टेज में है और चीनी वायु सेना में शामिल नहीं हुआ है। कुछ का कहना है कि पाकिस्तान की सीमित वित्तीय क्षमता को देखते हुए यह सौदा बीजिंग के लिए जोखिम भरा हो सकता है। आशीष/ईएमएस 13 जून 2025